इस एक टेस्‍ट से चुटकियों में पता चल जाता है बेबी में नहीं है कोई डिफेक्‍ट


एनोमली स्‍कैन एक तरह का अल्‍ट्रासाउंड है जो कि भ्रूण के शारीरिक विकास का पता लगाने के लिए किया जाता है और इससे यह भी जानकारी मिलती है कि भ्रूण में कोई विकृति तो नहीं है। यह स्‍कैन 18वें से 20वें हफ्ते के बीच करवाया जाता है क्‍योंकि इससे पहले भ्रूण के अंग अल्‍ट्रासाउंड में साफ दिखाई नहीं दे पाते हैं। आइए जानते हैं कि एनोमली स्‍कैन से शिशु के बारे में क्‍या-क्‍या पता चलता है।
सभी फोटो साभार : pexels

एनोमली स्‍कैन से क्‍या होता है?

एनोमली स्‍कैन से क्‍या होता है?

नागपुर के गंगा केयर हॉस्‍पीटल लिमिटेड की गायनेकोलॉजी ऑनकोलॉजी की कंसल्‍टेंट डॉक्‍टर नेहा वी भार्गव कहती हैं कि एनोमली स्कैन, जिसे फीटल एनोमली स्कैन या मध्य-गर्भावस्था अल्ट्रासाउंड स्कैन के रूप में भी जाना जाता है, एक प्रसवपूर्व अल्ट्रासाउंड टेस्‍ट है जो गर्भावस्था के 18 से 22 सप्ताह के बीच किया जाता है। यह भ्रूण के विकास और ग्रोथ का आंकलन करने और भ्रूण में किसी भी संरचनात्मक विसंगतियों या असामान्यताओं का पता लगाने के लिए किया जाता है।

क्‍यों किया जाता है एनोमली स्‍कैन

क्‍यों किया जाता है एनोमली स्‍कैन

Sitarambhartia.org के अनुसार एनोमली स्‍कैन भ्रूण के सिर, मस्तिष्‍क, गर्दन, रीढ़ की हड्डी, छाती, पेट, चेहरे, बांहों और टांगों को देखता है। इस स्‍कैन में प्‍लेसेंटा, एम्निओकि फ्लूइड और गर्भाशय ग्रीवा की लंबाई के बारे में भी पता लग सकता है। एनोमली स्‍कैन शिशु के कुछ फीचरों को भी देखता है जिन्‍हें डाउन सिंड्रोम के लिए सॉफ्ट मार्करों के रूप में देखा जाता है और इससे गर्भाशय तक पहुंच रहे रक्‍त प्रवाह को भी देखा जाता है।

इस बात को समझें

इस बात को समझें

आपके लिए एनोमली स्‍कैन को लेकर यह समझना जरूरी है कि सिर्फ इस एक स्‍कैन से सभी जन्‍मजात विकारों का पता नहीं लगाया जा सकता है। इससे 90 से 95 पर्सेंट तक शिशु के सिर, मस्तिष्‍क, रीढ़ की हड्डी में किसी समस्‍या का पता लग सकता है। कुछ मामलों में अगर मां मोटापे का‍ शिकार है या प्‍लेसेंटा एंटीरियर की प्रॉब्‍लम है या एम्निओटिक फ्लूइड बहुत ज्‍यादा या कम है तो शिशु क संरचना को ठीक तरह से देख पाने में दिक्‍कत आ सकती है।

शिशु को कोई नुकसान नहीं होता है

शिशु को कोई नुकसान नहीं होता है

नेशनल हेल्‍थ सर्विस के अनुसार इस स्‍कैन से शिशु को कोई नुकसान नहीं होता है। आपको स्‍कैन के समय ही इस टेस्‍ट का रिजल्‍ट मिल जाता है। अगर स्‍कैन में कोई प्रॉब्‍लम दिखती है, तो फिर डॉक्‍टर से बात करने की सलाह दी जाती है।

क्‍या डिफेक्‍ट साफ दिखता है स्‍कैन में

क्‍या डिफेक्‍ट साफ दिखता है स्‍कैन में

इस स्‍कैन में कुछ कंडीशन ज्‍यादा साफ देखी जा सकती हैं। उदाहरण के तौर पर कुछ शिशुओं में स्‍पीना बिफिडा नाम का डिफेक्‍ट होता है। इसे एनोमली स्‍कैन में साफ देखा जा सकता है। इसके अलावा हार्ट डिफेक्‍ट को इस स्‍कैन में देखने में मुश्किल होती है। इस स्‍कैन से 10 में से सिर्फ 5 बच्‍चों में ही हार्ट डिफेक्‍ट का पता चल पाता है
अगर स्‍कैन में कोई प्रॉब्‍लम दिखती है, तो प्रेगनेंट महिला को कुछ और टेस्‍ट लिखे जाते हैं। इससे पता चलता है कि असल में भ्रूण के विकास में क्‍या और कहां दिक्‍कत आ रही है।
नोट : अगर आपकी भी कोई प्रेग्‍नेंसी प्रॉब्‍लम या कॉम्प्लिकेशन है जिस पर आप गायनेकोलॉजिस्‍ट की सलाह या एक्‍सपर्ट एडवाइस लेना चाहती हैं, तो उसे [email protected] पर भेज सकती हैं। आपकी पहचान गुप्त ही रखी जाएगी।
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