असोला भाटी सेंक्चुरी में देखे गए दो नवजात तेंदुए, सेंक्चुरी में लगे कैमरा ट्रैप में पहले बार दिखे ये तेंदुए


विशेष संवाददाता, नई दिल्लीः असोला भाटी सेंक्चुरी में पहली बार तेंदुए के दो नवजात बच्चे दिखाई दिए हैं। यह सेंक्चुरी में लगे कैमरा ट्रैप के जरिए दिखे गए। वन विभाग के अनुसार तेंदुए तो यहां पिछले कुछ सालों के दौरान कई बार दिखे हैं और यहां स्थायी रूप से रह रहे हैं। यह पहला मौका है जब तेंदुए के दो बच्चे यहां दिखाई दिए हैं। पूरी संभावना है कि इन बच्चों का जन्म सेंक्चुरी में ही हुआ है। वन विभाग के अनुसार अब कहा जा सकता है कि असोला भाटी सेंक्चुरी में तेंदुए के लिए उपयुक्त माहौल है और यहां तेंदुए खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

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बॉम्बे नैचुरल हिस्ट्री सोसायटी (बीएचएनएस) की दिल्ली इकाई ने इंस्टाग्राम में इन तेंदुए के बच्चों का विडियो शेयर किया है। विडियो कुछ दिन पहले का बताया जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार इतने छोटे बच्चों की मां अधिक दूर तक नहीं जा सकती। यही वजह है कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि तेंदुए के इन बच्चों का जन्म सेंक्चुरी में ही हुआ है। एक्सपर्ट के अनुसार जो बच्चे विडियो में दिखाई दे रहे हैं लग रहा है कि उनका जन्म 15 से 25 दिनों पहले हुआ है। अक्टूबर 2022 में वन विभाग और बीएचएनएस ने एक स्टडी में दावा किया था कि असोला भाटी सेंक्चुरी में आठ तेंदुए रह रहे हैं। इन तेंदुओं के लिए सेंक्चुरी इनका स्थायी घर बन चुका है। 1940 के बाद से इस सेंक्चुरी में तेंदुए कई दशकों तक नहीं दिखे थे। अधिकारियों के अनुसार तेंदुए के अलावा यहां हाइना, जंगली बिल्ली, गोल्डन सियार, खरगोश, सांभर हिरण आदि भी रह रहे हैं।

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क्या है कैमरा ट्रैप

कैमरा ट्रैप पेड़ों में एक निश्चित ऊंचाई पर लगाए गए कैमरे को कहते हैं। इनमें सेंसर लगे होते हैं। जब जंगली जानवर इनके सामने से गुजरते हैं तो यह अपने आप उनकी तस्वीरें व विडियो कैप्चर कर लेते हैं। इन्हीं के आधार पर जंगलों और सेंक्चुरी में जानवरों की मौजूदगी का पता चलता है।



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