अचानक से Nirmala Sitharaman ने सभी बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक करने का फैसला क्यों लिया? वजह आई सामने


Nirmala Sitharaman - India TV Hindi News
Photo:INDIA TV Nirmala Sitharaman की होगी बैंकों प्रमुखों के साथ बैठक

Finance Minister: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) इस महीने के अंत में सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों और वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों के साथ बैठक करेंगी, जिसमें अनुसूचित जाति वर्ग के उत्थान और कल्याण के लिए चलाई जा रही विभिन्न सरकारी योजनाओं के प्रगति की समीक्षा की जाएगी। सूत्रों ने बताया कि स्टैंड-अप इंडिया, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) और अनुसूचित जातियों (अजा) के लिए ऋण वृद्धि गारंटी योजना और उनकी प्रगति पर भी इस बैठक में चर्चा होगी। 

सभी बड़े अधिकारी बैठक में होंगे शामिल

वित्त मंत्री की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) के अध्यक्ष, वित्तीय सेवा सचिव एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। इस बैठक में अनुसूचित जातियों के कल्याण के लिए चलाई जा रही विभिन्न सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में बैंकों की भूमिका पर विशेष बल दिया जाएगा।

हाल ही में भारतीय बैंक संघ की 75वीं AGM में हुई थी शामिल

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों को अपने निर्णय लेने वाले सीमाओं को प्रोफेशनल बनाने का निर्देश दिया है। मुंबई में भारतीय बैंक संघ (IBA) की 75वीं वार्षिक आम बैठक (AGM) को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि हमारी सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि बैंकों के कामकाज में कोई निर्देश नहीं दिया गया है और न ही कोई हस्तक्षेप किया गया है। हम बस इतना चाहते हैं कि तेज गति से व्यवसाय के क्षेत्र में देश आगे बढ़े और ग्राहकों को बैंक के तरफ से बेहतर सेवा मिले।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों को अधिक तकनीक से जुड़ने का भी आग्रह किया। इसके साथ आईबीए को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि उनके सिस्टम एक-दूसरे के साथ तालमेल बिठाएं या एक-दूसरे से बात करते रहें यानी संपर्क में हों। 

वित्त मंत्री ने पूछे थे कई सवाल

उन्होंने अपने भाषण के दौरान वहां मौजूद लोगों से ये भी जानना चाहा कि क्या आप डिजिटल जानकार हैं? क्या आपके कर्मचारी डिजिटल जानकार हैं? क्या आप एक डिजिटल संस्थान होने में सहज हैं और इसमें कितनी ट्रेनिंग दी जाती है, क्या आपके सिस्टम एक-दूसरे से बात करते हैं। वित्त मंत्री ने बताया कि ये सभी चीजें जरुरी है। साथ ही आईबीए को यह सुनिश्चित करने की योजना बनानी चाहिए कि सभी बैंक चाहे निजी हो या सार्वजनिक, ग्राहक क्या चाहता है उसके लिए एक दूसरे से बात करें।

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