जगदीश वासुदेव उर्फ सद्गुरु ईशा फाउंडेशन के संस्थापक है। साथ ही आज के समय के उन धार्मिक गुरुओं में से एक हैं, जो यंग जनरेशन की मन की उलझनों को समझते हैं, और उन्हें सुलझाना जानते हैं। इनके द्वारा बताए गए लव और रिलेशनशिप के नियमों को समझ कर आप अपने रिश्तों को बेहतर तरीके से इंजॉय कर सकते हैं।
(फोटो क्रेडिट- सद्गुरु इंस्टाग्राम)
प्यार का मतलब है आजादी

जब भी हम किसी के साथ रिलेशन में होते हैं, तो उससे हम यह उम्मीद करते हैं, कि वह हमेशा हमारी सुने। खोने के डर से कई बार हम अपने पार्टनर को ओवरपावर करने की भी कोशिश करते हैं।
सद्गुरु कहते हैं, कि सच्चे और आत्मीय प्यार वही है, जो सामने वाले को वह करने दे जो उसका मन चाहता है। प्यार आजादी है, किसी को इसका बंदी न बनाएं।
रिश्ता हमेशा बदलते रहता है

कोई भी रिश्ता हमेशा एक जैसा नहीं होता है। इसकी प्रकृति परिवर्तनशील है। सद्गुरु बताते हैं कि एब्सल्यूट रिलेशनशिप किसी मृत्य व्यक्ति के साथ ही रह सकता है।
हर इंसान के फंक्शन करने का अपना एक यूनिक तरीका है। रिलेशनशिप में इसे लेकर एक्सेप्टेंस होना बहुत जरूरी है। साथ ही रिलेशनशिप को मेंटेन करने के लिए स्किल और अटेंटिव होने की जरूरत होती है।
कोई राइट या रॉन्ग पर्सन नहीं होता

अगर आप अपने मिस्टर या मिस राइट का इंतजार कर रहे हैं, तो सद्गुरु की ये बात आपका दिल तोड़ सकती है। सद्गुरु बताते हैं कि इस प्लेनेट पर कोई राइट या रॉन्ग पर्सन नहीं है। किसी परफेक्ट इंसान के मिलने की उम्मीद में बैठने से बेहतर हैं, आप खुद को व्यक्ति या सिचुएशन के लिए सूटेबल बनाएं।
प्यार आपके दिल की खासियत है

प्यार किसी के जाने से खत्म नहीं होता है। प्यार आपके दिल की खासियत है, यह आखरी सांस तक आपके साथ रहता है। सद्गुरु बताते हैं कि जब आप किसी दूसरे व्यक्ति को इसे कंट्रोल करने का पावर दे देते हैं, तो आप इसे कभी एंजॉय नहीं कर पाते हैं। वहीं, जो लोग इसे शेयर करते हैं, उन्हें सबसे प्यारा रिलेशनशिप मिलता है।
प्यार करों नहीं…प्यार बनो

जब आप किसी से प्यार करते हैं, तो यह भी चाहते हैं कि वह आपकी सारी उम्मीदें भी पूरी करें। लेकिन हमेशा यह चीज करना किसी के लिए भी मुमकिन नहीं है।सद्गुरू बताते हैं कि इसलिए जरूरी है, कि आप प्यार करने की जगह प्यार बनने की कोशिश करें। इससे आप कभी दूसरे की वजह से निराश नहीं होंगे। बल्कि उनके खुशी का जरिया बनेगे।