संसदीय इतिहास में रुचि रखते हैं तो संसद संग्रहालय का दौरा अवश्य करें


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संसद संग्रहालय के लिए टिकट ऑनलाइन बुक किये जा सकते हैं। यहां यदि आप आना चाहते हैं तो पहले ही टिकट बुक करा लें क्योंकि एक दिन में निश्चित संख्या में ही लोगों को प्रवेश दिया जाता है इसीलिए टिकट के लिए दिक्कत होती है।

दिल्ली में घूमने की जगहों के बारे में योजना बना रहे हैं तो आपको बता दें कि समय निकाल कर संसद संग्रहालय अवश्य घूमने जाएं। यहां आपको एक नया ही अनुभव होगा जिसे आप सबके साथ बड़े गर्व से साझा करेंगे। हम आपको बता दें कि नई दिल्ली में संसद भवन के पास, भारतीय संसद पुस्तकालय भवन में संसद संग्रहालय है। यह एक संवादात्मक संग्रहालय है जो हमें भारत के स्वतंत्रता संग्राम की कहानी बताता है। संसद संग्रहालय में विदेशी प्रतिनिधियों से लोकसभा अध्यक्ष को मिले उपहारों का दुर्लभ संग्रह भी है।

संसद संग्रहालय के लिए टिकट ऑनलाइन बुक किये जा सकते हैं। यहां यदि आप आना चाहते हैं तो पहले ही टिकट बुक करा लें क्योंकि एक दिन में निश्चित संख्या में ही लोगों को प्रवेश दिया जाता है इसीलिए टिकट के लिए दिक्कत होती है। इसके अलावा यदि आप किसी सांसद से पत्र लिखवा कर प्रस्तुत करेंगे तब भी आप इस संग्रहालय को देख सकते हैं। संसद संग्रहालय में संसद के केंद्रीय कक्ष की एक प्रतिकृति है जहां लगी सीटों पर आप बैठ कर पंडित नेहरू का वह ऐतिहासिक भाषण सुन सकते हैं जो उन्होंने 14 अगस्त 1947 की आधी रात को तब दिया था जब भारत आजाद हुआ था। इसके अलावा विभिन्न एनिमेशनों के माध्यम से आप संसदीय इतिहास से जुड़ी रोचक जानकारियां भी यहां हासिल कर सकते हैं। यहां तकनीक के सहारे यह व्यवस्था भी है कि आप रघुपति राघव राजा राम गाते हुए महात्मा गांधी के नेतृत्व में उनके साथ चल सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि 14 अगस्त 2006 को संसद संग्रहालय का उद्घाटन भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने तत्कालीन उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत, तत्कालीन प्रधान मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी और कई अन्य प्रतिष्ठित लोगों की उपस्थिति में किया था। 5 सितंबर 2006 को, संसद संग्रहालय को आम जनता के लिए खोल दिया गया था। यदि आप भी यहां आना चाह रहे हैं तो एक बार इस संग्रहालय की वेबसाइट पर जरूर विजिट करें ताकि आपको अन्य जानकारियां पता लग सकें।

प्रीटी

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