वॉशिंगटन. अमेरिका में भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसमैन रो खन्ना (Rohit Khanna) ने बुधवार को भारत को द्विपक्षीय रक्षा संबंधों में नाटो (NATO) के बराबर का दर्जा देने की वकालत की. उन्होंने कहा कि इस दर्जे से भारत और अमेरिका के संबंधों को अगले स्तर पर ले जाएगी. इसके लिए उन्होंने पेंटागन के अधिकारियों से भारत-अमेरिकी रक्षा संबंधों सहित अन्य विषयों पर बैठक की.
अमेरिकी कांग्रेसी रो खन्ना ने मंगलवार को समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि अमेरिका भारत के साथ अपनी रक्षा साझेदारी को मजबूत करना चाहता है, क्योंकि चीन इस क्षेत्र में मुखर हो रहा है. खन्ना ने यह भी कहा कि अमेरिका भारत को रूसी सैन्य निर्यात पर अपनी निर्भरता कम करने का विकल्प प्रदान करने के लिए रक्षा संबंध बढ़ाना चाहता है.
भारत को मिले CAATSA कानून की पाबंदियों से छूट, US सांसद रो खन्ना ने रखी मांग
खन्ना ने कहा कि प्रतिबंध अधिनियम (सीएएटीएसए) के माध्यम से भारत को काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज से माफ करना अमेरिका के राष्ट्रीय हित में है. CAATSA अधिनियम उन राष्ट्रों को दंडित करता है, जिनका रूस के साथ महत्वपूर्ण रक्षा लेनदेन है. उन्होंने कहा कि छूट से अमेरिका-भारत रक्षा संबंधों को बढ़ावा मिलेगा.
एनडीएए में संशोधन के लिए निभाई थी भूमिका
खन्ना ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा से राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम (एनडीएए) में संशोधन के लिए अनुमोदन प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. संशोधन में भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों को गहरा करने का प्रस्ताव है. इसे 300 मतों के साथ पारित किया गया, जो भारत और अमेरिका के संबंधों को मजबूत करने की द्विदलीय प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
रो खन्ना ने कहा, ‘मैं इलियट एंगल के साथ काम कर रहा हूं जो विदेशी संबंध समिति के अध्यक्ष हैं, ताकि हम अपने रक्षा संबंधों में भारत को नाटो के बराबर का दर्जा दे सके. मैंने सदन में सशस्त्र सेवा समिति को लेकर एक विधेयक पेश किया है. इसे पास करवाने के लिए एक गठबंधन बनाने के लिए काम कर रहा हूं.’ खन्ना ने रैंडी श्रीलर के साथ बैठक में भारत-अमेरिकी संबंधों के रणनीतिक महत्व के बारे में गहनता से बातचीत की.
भारत के लिए वकालत करते रहे हैं रो खन्ना
मुख्यधारा की टेलीविजन मीडिया पर लगातार उपस्थिति के साथ ही खन्ना एक ऐसे सांसद हैं, जो अमेरिका को भारत के साथ संबंध मजबूत करने की वकालत करते हैं. खन्ना ने कहा, ‘मेरा मानना है कि नवाचार, उद्यमिता और लोकतंत्र के लिए अमेरिका-भारत के संबंध 21वीं सदी में काफी महत्वपूर्ण हैं. यह सम्मान, बहुलवाद और मजबूत उदार संस्थानों के प्रगतिशील मूल्यों पर आधारित होने चाहिए.’
खन्ना पुलवामा आतंकी हमले की निंदा वाले विधेयक के 11 प्रायोजकों में से एक थे. इस हमले को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने अंजाम दिया था. इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे. वह महात्मा गांधी के 150वें जन्मदिन पर गांधी किंग स्कॉलरशिप एक्सचेंज प्रोग्राम को आयोजित करने के लिए कांग्रेसी जॉन लुईस के साथ भी काम कर रहे हैं. (ANI इनपुट के साथ)
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FIRST PUBLISHED : July 27, 2022, 10:57 IST