रॉ के एजेंट ब्लैक टाइगर की असली कहानी बड़े पर्दे: 8 साल पाकिस्तानी सेना में मेजर बनकर रहे रविंद्र कौशिक, इंदिरा गांधी ने दिया था टाइगर नाम


2 मिनट पहले

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रॉ अफसर रविंद्र कौशिक के जीवन पर बॉलीवुड में फिल्म बनने जा रही है। जिसका डायरेक्शन फेमस डायरेक्टर अनुराग बसु करेंगे। फिल्म का नाम द ब्लैक टाइगर है। ये फिल्म रविंद्र के जीवन और देश के प्रति उनके योगदान पर आधारित होने वाली है। हालांकि अभी तक मेकर्स ने फिल्म की कास्ट को लेकर कोई ऑफिशियल अनाउंसमेंट नहीं की है।

बॉलीवुड हंगामा से बातचीत के दौरान अनुराग ने कहा- ‘रंविद्र कौशिक की बायोपिक साहस की कहानी है। उन्होंने 20 की उम्र से ही देश की सुरक्षा के लिए कई ऐसे काम किए, जिससे 70 से 80 के दशक में देश को बहुत फायदा हुआ। हमारे इतिहास का काफी हिस्सा भुला दिया गया है, जिसे हमें जानने की जरूरत है।’

रॉ अफसर रविंद्र कौशिक के जीवन पर बॉलीवुड में फिल्म बनने जा रही हैं, जिसका डायरेक्शन फेमस डायरेक्टर अनुराग कश्यप करेंगे।

रॉ अफसर रविंद्र कौशिक के जीवन पर बॉलीवुड में फिल्म बनने जा रही हैं, जिसका डायरेक्शन फेमस डायरेक्टर अनुराग कश्यप करेंगे।

रविंद्र कौशिक पर पड़ी रॉ की नजर
रविंद्र कौशिक रॉ यानी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के जासूस थे, जो इंडियन होकर भी पाकिस्तान आर्मी में मेजर पद पर पहुंचे। रविंद्र का जन्म भारत के पंजाबी परिवार में हुआ। टीनेज से ही रविंद्र को थिएटर में दिलचस्पी थी। इस दौरान रॉ की नजर उन पर पड़ी।

रविंद्र का जन्म भारत के पंजाबी परिवार में हुआ। टीनेज से ही रविंद्र को थिएटर में दिलचस्पी थी। इस दौरान रॉ की नजर उन पर पड़ी।

रविंद्र का जन्म भारत के पंजाबी परिवार में हुआ। टीनेज से ही रविंद्र को थिएटर में दिलचस्पी थी। इस दौरान रॉ की नजर उन पर पड़ी।

मिशन पूरा करने के लिए अपनाया इस्लाम धर्म
मिशन पूरा करने के लिए उन्होंने इस्लाम धर्म भी अपना लिया। 1975 में बतौर जासूस उन्हें पाकिस्तान भेजा गया। वो यहां नबी अहमद शेख बनकर गए थे। पाकिस्तान पहुंचने के बाद उन्होंने कराची के लॉ कॉलेज में एडमिशन लिया और डिग्री भी ली।

कौशिक नबी अहमद शेख बनकर पाकिस्तान गए थे। पाकिस्तान पहुंचने के बाद उन्होंने कराची के लॉ कॉलेज में एडमिशन लिया और डिग्री भी ली।

कौशिक नबी अहमद शेख बनकर पाकिस्तान गए थे। पाकिस्तान पहुंचने के बाद उन्होंने कराची के लॉ कॉलेज में एडमिशन लिया और डिग्री भी ली।

पाकिस्तान पहुंचने के बाद उन्होंने कराची के लॉ कॉलेज में एडमिशन लिया और डिग्री भी ली।

पाकिस्तान पहुंचने के बाद उन्होंने कराची के लॉ कॉलेज में एडमिशन लिया और डिग्री भी ली।

प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने दिया था ब्लैक टाइगर का नाम
रविंद्र पाकिस्तान आर्मी में मेजर पद तक पहुंचे। इस बीच पाकिस्तान आर्मी को कभी भी एहसास नहीं हुआ कि उनके बीच भारत का जासूस काम कर रहा है। 1979 से 1983 के बीच कौशिक ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को पाकिस्तानी सेना से जुड़ी अहम जानकारियां सौंपी, जो देश के लिए काफी मददगार साबित हुई।
रविंद्र ‘’द ब्लैक टाइगर’ के नाम से जाना जाने लगा था। कहा जाता है कि उन्हें ये नाम तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने दिया था।

2001 में टीबी और हार्ट अटैक की वजह से हुई मौत
1983 में रविंद्र का राज खुल गया। कहा जाता है कि उन्होंने भारत सरकार से मदद मांगी, लेकिन उन्हें देश वापसी के लिए मदद नहीं मिली। आखिरकार पाकिस्तानी एजेंसियों ने उन्हें पकड़कर सियालकोट की जेल में कैद कर लिया। इस दौरान उन्हें टॉर्चर किया गया और उन पर कई मुकदमे भी चलाए गए। 2001 में टीबी और हार्ट अटैक की वजह से उनकी मौत हो गई।

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