कीव3 घंटे पहले
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यूक्रेन की राजधानी कीव में बुधवार को रूस के 6 जासूसी बैलून नजर आए जिन्हें यूक्रेनी सेना ने मार गिराया है। बैलून की जानकारी मिलते ही राजधानी में एयर अलर्ट जारी कर दिया गया था। यूक्रेनी सेना के मुताबिक, इन बैलून्स में कॉर्नर रिफ्लेक्टर और रिकॉनिसन्स हो सकते हैं। रिकॉनिसन्स का इस्तेमाल मिलिट्री ऑपरेशन से पहले एरिया के निरीक्षण के लिए किया जाता है।
यूक्रेनी एयरफोर्स के प्रवक्ता यूरी इहनाट ने बताया कि बैलून्स का मकसद यूक्रेन के एयर डिफेंस के बारे में पता लगाना और इसे बाधित करना हो सकता है। दरअसल, रूस के पास धीरे-धीरे ड्रोन्स खत्म हो रहे हैं। ऐसे में ओरलान-10 जैसे खास ड्रोन्स को बचाए रखने के लिए वो बैलून का इस्तेमाल कर रहा है। साथ ही रूस चाहता है कि यूक्रेन अपनी कीमती एन्टी-एयरक्राफ्ट मिसाइलों को इन बैलून को मार गिराने में खर्च कर दे।

रविवार को यूक्रेन के नीप्रो शहर में भी ऐसे ही गुब्बारों नजर आए थे।
मोल्दोवा-रोमानिया में भी दिखे थे रूसी बैलून
दूसरी तरफ, यूक्रेन के पड़ोसी देश मोल्दोवा में भी 14 फरवरी को संदिग्ध रूसी फ्लाइंग ऑब्जेक्ट देखे गए थे, जिसके बाद मोल्दोवा ने एक घंटे के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर दिया था। ये फ्लाइंग ऑब्जेक्ट दिखने में मौसम संबंधी बैलून की तरह नजर आ रहा था, जो यूक्रेन से मोल्दोवा पहुंचा था। इसके अलावा नाटो के सदस्य रोमानिया ने भी पिछले दिनों ऐसे ही बैलून दिखने का दावा किया था।
मिसाइलों को भटकाने के लिए इस्तेमाल होते हैं रिफ्लेक्टर्स
प्रवक्ता इहनाट के मुताबिक, रूस ने रविवार को नीप्रो शहर में भी ऐसे ही गुब्बारों का इस्तेमाल किया था। इनका डायमीटर एक से डेढ़ मीटर के बीच था, जो रिफ्लेक्टर्स ले जाने के लिए काफी है। इन्हें देखकर लग रहा था कि इनमें गैस भरी हुई है। इन रिफ्लेक्टर्स का इस्तेमाल उन मिलाइलों को भटकाने के लिए किया जाता है जो रेडार सिस्टम के जरिए काम करती हैं।

रूस को क्रीमिया से जोड़ने वाले कर्च रेलवे ब्रिज यूक्रेनी हमले में तबाह हो गया था।
कर्च ब्रिज के ध्वस्त होने से पहले यूक्रेनी हमलों को टालने के लिए रूस ने कई बार ऐसे रिफ्लेक्टर्स का इस्तेमाल किया था। हालांकि, पहली बार इन्हें बैलून के जरिए भेजा गया। बता दें कि 8 अक्टूबर 2022 को यूक्रेन ने क्रीमिया को रूस से जोड़ने वाले कर्च ब्रिज को तबाह कर दिया था। ये रेलवे ब्रिज यूक्रेन में रूसी सैनिकों तक लॉजिस्टिक सप्लाई करने का मुख्य मार्ग था।
रूस ने नहीं दी कोई प्रतिक्रिया
अमेरिका और यूक्रेन के एक्सपर्ट्स ने बताया कि इन बैलून्स के जरिए रूस यूक्रेनी एयर डिफेंस सिस्टम को ट्रिगर करने की भी कोशिश कर रहा था, जिससे उसे उनकी लोकेशन का पता चल जाए। इससे यूक्रेनी एयरक्राफ्ट और मिसाइलों को निशाना बनाना आसान हो जाएगा। रूस ने अब तक इन बैलून्स को लेकर कोई बयान नहीं दिया है। पिछले साल यूक्रेन पर हमले के बाद से अब तक रूस ने कितनी बार ऐसे गुब्बारों का इस्तेमाल किया है, इसकी भी अब तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
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अमेरिका के मोंटाना शहर में चीन का संदिग्ध जासूसी बैलून देखा गया। यहां एयरफोर्स का स्पेशल बेस है, जहां से इंटरकॉन्टिनेंटल मिसाइल ऑपरेट की जाती है। पूरे अमेरिका में ऐसे तीन ही एयरबेस हैं। इस घटना के बाद अमेरिका और चीन में तनाव बहुत तेजी से बढ़ा। हालांकि, चीन ने माफी मांग ली है, लेकिन अमेरिकी सरकार का रुख सख्त हो गया है। पूरी खबर पढ़ें…
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आखिरकार ये तय हो गया है कि 5 फरवरी को अमेरिका ने अपने हवाई क्षेत्र में जो चीनी बैलून मार गिराया था, वो जासूसी ही कर रहा था। अमेरिका ने इसकी पुष्टि कर दी है। US मिलिट्री ने मंगलवार को एक बयान में कहा- बैलून के मलबे को रिकवर करने के बाद उसकी जांच की गई। इसमें साफ हो गया कि यह सिविलियन नहीं, बल्कि स्पाई बैलून था। पूरी खबर पढ़ें…