सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 से हुई मौतों का दायरा बढ़ाया
बीते वर्ष एडवोकेट गौरव बंसल द्वारा दायर की गई याचिका के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 से हुई मौतों का दायरा बढ़ाया था। अदालत ने कहा था कि जिन लोगों की मौत कोरोना टेस्ट कराने या पॉजिटिव पाए जाने के 30 दिन के भीतर हुई है। उन सभी लोगों को कोविड-19 से मरा हुआ माना जाए। यहां तक कि जिन लोगों की मौत अस्पताल के बाहर भी हुई है। इसके अलावा जिन लोगों की अप्राकृतिक मौत(सुसाइड) हुई है। जो कभी कोरोना पॉजिटिव हुए थे। उनके बच्चों को एक्स ग्रेशिया पाने का हक है। इस प्रकार सहायता राशि पाने के लिए आवेदनों का आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।
सरकार ने अतिरिक्त 1000 करोड़ आवंटित किए
कोरोना से होने वाली मौतों और राज्यों द्वारा उनको मुहैया कराई जाने वाली सुविधाओं और सहायता के संबंध में इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने कोई दिशा-निर्देश नहीं जारी किया था। जिला शिकायत निवारण सेल ने इसके पहले 56 हजार आवेदन प्राप्त किये थे। जिसमें से अधिकारियों ने पहले ही पचास प्रतिशत आवेदन क्लियर कर दिए थे। फिलहाल तकरीबन 29 हज़ार मामलों की सुनवाई होगा अभी बाकी है। पहले सरकार ने यह अंदाजा लगाया था कि तकरीबन 700 करोड़ रुपये कोरोना मृतकों के परिजनों को देने के लिए खर्च होंगे। यह आंकड़ा फिलहाल 855 करोड़ तक पहुंच चुका है। बढ़ते हुए आवेदनों को देखते हुए सरकार ने अतिरिक्त 1000 करोड़ आवंटित किए थे।