सचदेवा ने कहा कि केजरीवाल ने अपने मंत्रियों, विधायकों और निगम पार्षदों को सिर्फ इतना ही प्रशिक्षण दिया है कि कैसे दिल्ली को लूटना है। रामलीला मैदान में भीड़ इकट्ठी नहीं हुई पूरी की पूरी रैली फेल हो गई, जिसका गुस्सा केजरीवाल के चेहरे पर साफ दिख रहा था।
सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि जो केजरीवाल 12 साल पहले इसी रामलीला मैदान में बैठकर इंडिया अगेंस्ट करप्शन की बातें करते थे, आज वह अपने ही भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए चीख और चिल्ला रहे थे। सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा कि केजरीवाल का रामलीला मैदान में एक लाख लोगों को बुलाने का दावा पूरी तरह से खोखला साबित हुआ है। अपने भ्रष्टाचार और झूठ को दबाने के लिए रैली करना, मनु सिंघवी जैसे वकील को 18 करोड़ रुपये देना बताता है कि दिल्ली के टैक्सपेयर्स के पैसों का केजरीवाल क्या हश्र कर रहे हैं?
विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने भी इस मुद्दे पर अलग से एक बयान जारी करते हुए कहा कि केजरीवाल अपने मंत्रियों को क्लीन चिट देना बंद करें और जनता को यह बताएं कि अगर वे घोटालों में संलिप्त नहीं हैं तो महीनों से उनकी जमानत क्यों नहीं हो रही? इसके अलावा जनता हजारों करोड़ के घोटालों और अपने राजमहल पर किए गए सैंकड़ों करोड़ों रुपये के खर्चे पर उनका स्पष्टीकरण चाहती है। जनता के सवालों के जवाब देने की बजाय केजरीवाल हमेशा की तरह जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।