भूस्खलन ने महाराष्ट्र के गांव को मिटा दिया, एक साल बाद भी लोग कंटेनरों में रहने के लिए मजबूर


तलिये, महाड: लीलाबाई शिरावाले ने पिछली जुलाई में महाराष्ट्र के महाड तालुका के तलिये गांव में आए विनाशकारी भूस्खलन में अपने परिवार के 12 लोगों को खो दिया था. मरने वालों में उनकी एक छह साल की पोती और एक 10 महीने का पोता भी था.

आपदा में उनका घर भी नहीं बचा.

इन बातों को एक साल बीत चुका है. लेकिन शिरावाले और इस दुर्घटना में बचे उनके परिवार के अन्य सदस्यों – बेटा, भतीजा और एक बहनोई – को घर नसीब नहीं हुआ है. गांव के बाकी बचे लोगों के साथ वो भी कंटेनर घरों या महाराष्ट्र सरकार की ओर से दिए गए अस्थायी आश्रयों में रहकर अपना गुजारा चला रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘हमें इस साल जून तक एक घर देने का वादा किया गया था. अब तक कुछ भी नहीं मिला है. देखते हैं, अगली मई या फिर जून-जुलाई तक घर मिल पाएगा या नहीं. कोई भी (सरकार की ओर से) हमारी खैर-खबर लेने नहीं आया है (आपदा के बाद से)’

पिछले साल जुलाई में भारी बारिश के कारण महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले सहित कोंकण क्षेत्र में एक साथ कई भूस्खलन आए थे. तलिये सबसे बुरी तरह प्रभावित होने वाले इलाकों में से एक था. 22 जुलाई, 2021 को आए एक भूस्खलन ने इस गांव को पूरी तरह से दफन कर दिया था. कथित तौर पर गांव में 32 घरों तहस-नहस हो गए था और 84 लोगों की मौत हो गई थी.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें