भिवानी हत्या: यूट्यूब ने मोनू मानेसर का एकाउंट मनी-मेकिंग प्रोग्राम से बाहर किया, वीडियो हटाए


यूट्यूब के अनुसार, हरियाणा के भिवानी में राजस्थान के दो मुस्लिम युवकों की गो तस्करी के आरोप में बेरहमी से हत्या मामले के संदिग्ध मोनू मानेसर ने कंपनी की क्रिएटर्स पॉलिसी का उल्लंघन किया है. मोनू मानेसर के कुछ वीडियो पर उम्र संबंधी प्रतिबंध भी लगाए गए हैं.

मोनू मानेसर. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: यूट्यूब ने पुष्टि की है कि स्वयंभू गौ रक्षक मोनू मानेसर को उसने अपने ‘यूट्यूब पार्टनर प्रोग्राम’ से ‘अनिश्चितकाल के लिए निलंबित’ कर दिया है, जिसका मतलब है कि वह अब अपने द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो से पैसा नहीं कमा सकते हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, यूट्यूब ने ‘सामुदायिक दिशानिर्देशों’ का उल्लंघन करने के चलते मानेसर के चैनल से नौ वीडियो भी हटा दिए हैं और अन्य वीडियो पर उम्र संबंधी प्रतिबंध लगा दिए हैं.

यूट्यूब ने मंगलवार (28 फरवरी) को अमेरिका आधारित समाचार वेबसाइट कोडास्टोरी को ईमेल द्वारा इसकी जानकारी दी.

साइट पर लेख में यह भी कहा गया है कि यूट्यूब ने मोनू मानेसर द्वारा उसकी क्रिएटर्स पॉलिसी का उल्लंघन करने का भी संज्ञान लिया है. मानेसर गो तस्करी के नाम पर दो मुस्लिम युवकों की हत्या करने के मामले में संदिग्ध हैं.

भिवानी में दोहरे हत्याकांड से कुछ दिन पहले ऑल्ट न्यूज़ की शिंजिनी मजूमदार द्वारा एक पड़ताल में पाया गया था कि मोनू और उनकी टीम ने अतीत में कई हिंसक वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किए थे, जिन पर कानून प्रवर्तन एजेंसियों का ध्यान नहीं गया.

चिंता की बात यह है कि मोनू को सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर फॉलो किया जाता है. यूट्यूब पर उसके 2 लाख से ज्यादा फॉलोवर हैं और उसके फेसबुक पेज पर 83,000 फॉलोवर हैं, जहां वह अक्सर मेटा और यूट्यूब के सुरक्षा दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए सामग्री अपलोड करता है.

उनके सोशल मीडिया पर अपलोड की गई कई तस्वीरों में, उनकी टीम को घायल लोगों को बालों से पकड़ते हुए देखा जा सकता है. मोनू और उसके समर्थक दावा करते हैं कि वे सभी गो तस्कर हैं.

मोनू के फेसबुक पेज पर पोस्ट की गई किसी भी हिंसक सामग्री के खिलाफ मेटा ने अभी तक कार्रवाई नहीं की है.

यूट्यूब की कार्रवाई की खबर ऐसे समय में आई है जब नासिर और जुनैद की नृशंस हत्याओं के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं. कथित गो रक्षकों द्वारा दोनों की कथित तौर पर जलाकर हत्या कर दी गई थी.

मालूम हो कि हिंसक समूहों, जो विशेष रूप से राज्य के मेवात क्षेत्र में किसी सजा के डर के बिना काम करते हैं, के खिलाफ कथित निष्क्रियता के लिए हरियाणा सरकार की आलोचना की जा रही है. इस घटना को लेकर हरियाणा में कानून-व्यवस्था पर उठे सवालों के अलावा यूट्यूब और मेटा जैसी बड़ी टेक सोशल मीडिया कंपनियों, जिन पर अक्सर अपने मंच पर घृणास्पद और ध्रुवीकृत सामग्री को रोकने में असमर्थ रहने का आरोप लगाया जाता है, की भूमिका भी सवालों के घेरे में आई है.

एफआईआर दर्ज होने के बाद मोनू के इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया गया था, जिसमें उन्होंने लोगों से लिंचिंग के आरोपियों के पक्ष में समर्थन जुटाने का आग्रह किया था.





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