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- Tension Continues With Neighboring Country Azerbaijan, Will Import Weapons Worth 2 Thousand Crores
नई दिल्लीएक घंटा पहले
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अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच जंग जारी है। इसी बीच आर्मेनिया ने दुश्मन को खदेड़ने के लिए भारत से हथियार खरीदने का सौदा किया है। आर्मेनिया कुल 2 हजार करोड़ रुपए के मिसाइल, रॉकेट और गोला-बारूद समेत पिनाका लान्चर भारत से खरीदेगा।
भारत के साथ डील करने से अर्मेनिया की सैन्य शक्ति मजबूत होगी। इससे भारत में भी हथियारों उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। सबसे पहले भारत अपना पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर भेजेगा। इसे डिफेंस मिनिस्ट्री की रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने डेवलप किया है। खास बात है कि आर्मेनिया भारतीय पिनाका रॉकेट सिस्टम पाने वाला पहला फॉरेन कंट्री होगा।
2025 तक 35 हजार करोड़ के बिजनेस का लक्ष्य
आर्मेनिया से डिफेंस सेक्टर में यह बड़ी डील भारत में हथियारों के एक्सपोर्ट को बढ़ाने की ओर आगे ले जा रही है। भारत सरकार ने 2025 तक 35 हजार करोड़ रुपए के हथियार बेचने का टारगेट रखा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2021 में भारत ने 13 हजार करोड़ रुपए के हथियार बेचे थे।
पिनाका मिसाइल
देश में ही विकसित पिनाका मिसाइल का यह तीसरा वर्जन है। पहले दो वर्जन की मारक क्षमता 40 व 75 किलोमीटर थी। इस एडवांस वर्जन की मारक क्षमता 120 किलोमीटर है। इस मिसाइल में एडवांस नेविगेशन और कंट्रोल सिस्टम लगाया गया है। इससे मारक क्षमता एकदम सटीक हो गई है।
करगिल युद्ध के दौरान पहाड़ों पर कब्जा जमाए बैठे पाकिस्तानी सैनिकों पर पिनाका ने जबरदस्त प्रहार किया था। पिनाका को एक ट्रक पर बने लॉन्चर से दागा जाता है। 44 सेकंड में बारह रॉकेट दागे जा सकते है। प्रत्येक राकेट 250 किलोग्राम तक के बम अपने साथ ले जा सकता है। अपने लक्ष्य पर यह 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हमला बोलता है।

करगिल युद्ध में सटीक रहा था पिनाका मार्क-I
1999 के करगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने पिनाका मार्क-I संस्करण का इस्तेमाल किया था। जिससे पहाड़ की चौकियों पर तैनात पाकिस्तानी चौकियों को सटीकता के साथ निशाना बनाया था और युद्ध में दुश्मन को पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया था। दरअसल, पिनाका मिसाइल को दागने वाले सिस्टम को पिनाका रॉकेट सिस्टम कहते है जिसे सेना के वाहन पर ही लॉन्च किया गया है।
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