बीबीसी ने चंद्रयान-3 की आलोचना नहीं की, टाइम्स नाउ, ज़ी न्यूज ने BBC का पुराना वीडियो किया शेयर


23 अगस्त को भारत के चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान के विक्रम लैंडर का चंद्रमा के साउथ पोल के पास लैंड होने की पहली ऐतिहासिक घटना शाम 6 बजकर 4 मिनट पर हुई.

इसके बाद बीबीसी वर्ल्ड न्यूज़ बुलेटिन की एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी. वीडियो में चर्चाकर्ता भारत जैसे देश के चंद्रमा मिशन जैसे वैज्ञानिक अन्वेषणों पर इतना पैसा खर्च करने के औचित्य और गरीबी उन्मूलन जैसी ज़्यादा जरूरी आवश्यकताओं को ध्यान में न रखने के बारे में बात करते हैं. प्रेजेंटर ये कहता है: “कुछ सोचने की बात है, भारत एक ऐसा देश है जहां काफी ज़्यादा गरीबी है, 700 मिलियन से ज़्यादा भारतीयों के पास शौचालय तक पहुंच नहीं है, क्या हमें सच में स्पेस प्रोग्राम पर इतना पैसा खर्च करना चाहिए.” (आर्काइव)

मेघ अपडेट्स नामक एक ट्विटर यूज़र ने ये क्लिप ट्वीट करते हुए कहा कि चंद्रयान 3 के बारे में बीबीसी का ये कहना है. रिडर्स ध्यान दें कि ये यूज़र अक्सर ट्विटर पर ग़लत सूचना शेयर करते हैं. आर्टिकल लिखे जाने तक इस ट्वीट को 40 लाख बार देखा गया और 5 हज़ार से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया है.

एक और यूज़र हसन सजवानी ने ये क्लिप ट्वीट करते हुए लिखा कि “ये निचले स्तर का एंकर” साफ़ तौर पर “भारत का अपमान करने की कोशिश कर रहा था.”

उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने मेघ अपडेट के ट्वीट को कोट ट्वीट करते हुए लिखा कि कैसे “हमारी गरीबी दशकों के औपनिवेशिक शासन का परिणाम थी जिसने पूरे उपमहाद्वीप की संपत्ति को व्यवस्थित रूप से लूटा.” ये रिपोर्ट लिखे जाने तक इस ट्वीट को 30 लाख से ज़्यादा बार देखा गया है.

 

आज तक पर सुधीर चौधरी ने इस वीडियो के आधार पर कहा, “आज बीबीसी के एक कार्यक्रम में बीबीसी वर्ल्ड के एक न्यूज़ ऐंकर ने एक सवाल पूछा अपने भारतीय मेहमान से. और सवाल क्या था देखिए, उन्होंने पूछा, जिस भारत में मूलभूत इंफ्रास्ट्रॅकचर की कमी है, जहां इतनी गरीबी है कि 70 करोड़ लोगों के लिए शौचालय नहीं है. क्या उस देश को अपने एक अंतरिक्ष अभियान पर इतना पैसा खर्च करना चाहिए. इस सवाल से ही आपको बीबीसी वर्ल्ड न्यूज़ की मंशा समझ में या जाएगी. इस सवाल से आपको ये समझ में या जाएगा कि आज भी ये देश भारत को किस नज़र से देखते हैं.”

 

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Posted by Aaj Tak on Wednesday, 23 August 2023

कुछ मीडिया आउटलेट्स ने भी चंद्रयान 3 पर बीबीसी के इस कथित बयान पर स्टोरीज़ की. टाइम्स नाउ ने अपने टाइटल में कहा: ‘गरीबों पर ध्यान दें, अंतरिक्ष पर नहीं,’ चंद्रयान 3 की सफलता के बाद भारत पर बीबीसी की ‘क्लासिस्ट’ टिप्पणी.’ बीबीसी बुलेटिन के बारे में आनंद महिंद्रा की राय पर मिंट ने एक स्टोरी चलाई. टाइटल में कहा गया, ‘चंद्रयान-3: आनंद महिंद्रा ने भारत की गरीबी, शौचालयों के बारे में टिप्पणी के लिए ब्रिटिश एंकर की आलोचना करते हुए कहा ‘ये रिस्टोर करने में मदद करता है…’

इंडिया टीवी ने एक रिपोर्ट पब्लिश की जिसके सबटाइटल में कहा गया, ‘चंद्रयान-3: आनंद महिंद्रा ने बीबीसी एंकर की आलोचना की, जिसने भारत में गरीबी के बावजूद चंद्रयान-3 के खर्च पर सवाल उठाया था.’ India.com नामक एक और आउटलेट ने एक रिपोर्ट चलाई जिसमें उन्होंने वायरल वीडियो का ज़िक्र करते हुए ये बात कही. वीडियो में “एंकर ने सवाल उठाया था कि क्या भारत को चंद्रयान-3 के पैमाने के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए इतनी ज़्यादा धनराशि आवंटित करनी चाहिए.”

हिंदी न्यूज़ आउटलेट वनइंडिया ने भी एक रिपोर्ट पब्लिश की. टाइटल में लिखा, “चंद्रयान-3 पर BBC एंकर ने किया भारत की गरीबी-टॉयलेट का ज़िक्र, आनंद महिंद्रा ने कायदे से धो डाला.”

ज़ी न्यूज़ ने रिपोर्ट में कहा, “आनंद महिंद्रा ने बीबीसी एंकर के उस सवाल का जवाब दिया कि क्या भारत को वास्तव में चंद्रयान-3 के अंतरिक्ष कार्यक्रम पर पैसा खर्च करना चाहिए.”

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फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने नोटिस किया कि वायरल वीडियो के निचले दाएं कोने पर ‘विदेश टीवी‘ लिखा है. इसे ध्यान में रखते हुए हमने यूट्यूब पर सर्च किया जिससे हमें विदेश टीवी नामक चैनल पर ये विडियो मिला. इसे 22 जुलाई, 2019 को अपलोड किया गया था. टाइटल में कहा गया है: चंद्रयान 2 पर बीबीसी की प्रतिक्रिया: 700 मिलियन भारतीयों के पास शौचालय नहीं है, क्यों भारत अंतरिक्ष पर पैसा खर्च करता है.

वीडियो में 32 सेकंड के बाद स्क्रीन के नीचे एक किकर के रूप में शब्द ‘चंद्रयान-2, भारत ने दूसरा चंद्रमा मिशन लॉन्च किया’ देखा जा सकता है.

हमने ये भी नोटिस किया कि 24 अगस्त 2023 के को ट्वीट करते हुए बीबीसी न्यूज़ प्रेस टीम @BBCNewsPR ने ये स्पष्ट किया कि वायरल वीडियो भारत के हालिया चंद्रमा मिशन से संबंधित नहीं है. उन्होंने ट्वीट में कहा, ये 2019 की एक पुरानी क्लिप है.

बीबीसी के पूर्व भारतीय डिजिटल प्रमुख और वर्तमान में अफ्रीकी भाषा और अंग्रेजी प्रभाग के संपादकीय प्रमुख मुकेश शर्मा ने भी ट्वीट करते हुए कहा कि ये क्लिप चंद्रयान 3 मिशन से संबंधित नहीं है.

चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान 3 की लैंडिंग पर असली बीबीसी बुलेटिन यहां पर है.

कुल मिलाकर, वायरल क्लिप जिसमें बीबीसी प्रेजेंटर ने ‘गरीबी’ के मद्देनजर भारत के चंद्रमा मिशन के औचित्य पर सवाल उठाया है, वो चंद्रयान 3 मिशन से संबंधित नहीं है. वायरल वीडियो जुलाई 2019 के असफल चंद्रयान 2 मिशन पर बीबीसी के बुलेटिन का हिस्सा है.

बीबीसी ने आनंद महिंद्रा के ट्वीट पर जवाब देते हुए लिखा कि चार साल पुराने वीडियो को काँट-छाँट कर ताज़ा वीडियो बताते हुए ग़लत ढंग से शेयर किया गया है.

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