- Hindi News
- Happylife
- Video Game Addiction Causes Anger And Depression In Youth, Ruins Social Life
36 मिनट पहले
- कॉपी लिंक

लेखक: विलियम स्यू, वीडियो गेम डेवलपर
मैं 13 साल से वीडियो गेम्स बना रहा हूं। मेरी कंपनी अब तक 50 से ज्यादा मोबाइल गेम्स बना चुकी है। इन्हें दुनियाभर में 100 करोड़ से भी ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है। इससे मुझे 800 करोड़ रुपए से भी ज्यादा की कमाई हुई है, लेकिन मैं अपनी बेटियों को कभी वीडियो गेम नहीं खेलने दूंगा।
मैंने 2009 में मोबाइल गेमिंग कंपनी स्टॉर्म8 की शुरुआत की। वीडियो गेम की लत नशे की हद तक हो जाती है। मुझे नहीं लगता कि मां-बाप अपने बच्चों को इससे दूर रखने के लिए पर्याप्त सावधानी बरत पा रहे हैं। मैं वीडियो गेम्स के नशे से अच्छे से वाकिफ हूं। हम बच्चों या बड़ों में इस नशे को और प्रोत्साहित करते हैं। उन्हें नशेड़ी बना देते हैं।
वीडियो गेम्स हमारे दिमाग के साथ खेलते हैं
दरअसल, वीडियो गेम्स इसी तरह डिजाइन किए जाते हैं। हमारे बिजनेस की सफलता का राज भी यही है। हम डेटा इकट्ठा करते हैं और फिर गेम के उस वर्जन को प्रमोट करते हैं, जिसे सबसे ज्यादा पसंद किया जा रहा है। हम बच्चों के दिमाग के साथ खेलते हैं। वीडियो गेम खेलते हुए यूजर का दिमाग डोपामाइन मॉलिक्यूल छोड़ता है। इससे उसे अच्छा लगने लगता है और वह लगातार खेलता जाता है। धीरे-धीरे उसे इसकी लत लग जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, वीडियो गेम्स की लत पारिवारिक, सामाजिक, शैक्षिक और व्यक्तिगत जीवन बर्बाद कर देती है।
कैसे डालते हैं बच्चों में गेम्स की लत?
विलियम कैंडी क्रश सागा का उदाहरण देते हुए समझाते हैं। कैंडी क्रश में लाइव्स दी जाती हैं। एक दिन में पांच। जितनी बार आप गेम हारते हैं, एक लाइफ खत्म हो जाती है। सारी लाइफ खत्म होने पर उस दिन गेम तब तक नहीं खेला जा सकता, जब तक कि उसे रीचार्ज नहीं किया जाता। दरअसल, गेम खेलने से रोकना खेलने वाले की तलब बढ़ाने की तकनीक है। मैंने भी इसका इस्तेमाल किया है।
बच्चों में लत बीमार बना देती है
वीडियो गेम खेलने वाले 6 साल से कम उम्र के बच्चों पर अध्ययन किया गया। ज्यादातर बच्चों को कोई समस्या नहीं हुई। लेकिन 10% बच्चे बीमार हुए। बावजूद इसके वे गेम खेलना नहीं छोड़ पाए। ये बच्चे जवान होते-होते अवसाद में चले गए। गुस्सा और शर्म भी इनमें अपनी उम्र के दूसरे वयस्कों से ज्यादा रही। निर्णय क्षमता खत्म हो जाती है। वे सुबह उठते ही फोन पर गेम खेलने लगते हैं।
विलियम की सलाह, इन तरीकों से दूर करें लत
- माता-पिता को वीडियो गेम से नुकसान पता हो। वे बच्चों की मोबाइल आदतों को ट्रैक करेंं।
- गूगल का डिजिटल वेलबीइंग या एपल के स्क्रीन टाइम फीचर से स्क्रीन टाइम नोट करते रहें।
- गैजेट से दूरी मुश्किल है, बच्चों में दैनिक जीवन और स्क्रीन टाइम बैलेंस की आदत डालें।