बच्चों में सूखी खांसी के अन्य कारण

फ्लू एक संक्रामक श्वसन रोग है जो बच्चों के लिए आम सर्दी से ज्यादा खतरनाक है, खासकर 5 साल से कम उम्र के बच्चों में फ्लू की वजह से सूखी खांसी देखी जाती है। इन्फ्लूएंजा वायरस इसका कारण बनता है।
फ्लू निमोनिया, डिहाइड्रेशन, मस्तिष्क की शिथिलता का कारण बन सकता है। इसके लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, शरीर में दर्द, बहती या भरी हुई नाक और थकान शामिल हैं।
एक बच्चे को वायरस, बैक्टीरिया या कवक से निमोनिया हो सकता है। विश्व स्तर पर, निमोनिया उन बच्चों में मृत्यु का प्रमुख कारण है जो नवजात अवस्था से पहले लेकिन 5 वर्ष से कम उम्र के हैं। निमोनिया में भी बच्चे को सूखी खांसी हो जाती है।
फोटो साभार : TOI
और क्या होता है

इसके अलावा एलर्जी होने पर या अस्थमा के मरीजों में भी सूखी खांसी के मामले देखे जाते हैं। सूखी खांसी की वजह से बच्चों को बहुत प्रॉब्लम होती है।
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सूखी खांसी होने पर क्या करना चाहिए

कुछ मामलों में, अपने बच्चे को ओटीसी यानि डॉक्टर के पर्चे के बिना मिलने वाली खांसी की दवाएं देना उचित हो सकता है। लेकिन healthline के अनुसार इसे केवल 6 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चे को ही दी जा सकती हैं। दवाई की पैकेजिंग पर दिए गए डोज के निर्देशों का ध्यानपूर्वक पालन करें।
डॉक्टर की सलाह के बिना 6 साल से कम उम्र के बच्चों को ओटीसी खांसी की दवा नहीं देनी चाहिए।
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डॉक्टर के पास कब ले जाएं

अधिकांश खांसी 1 से 2 सप्ताह में ठीक हो जाती है। यदि आपके बच्चे की खांसी 2 से 3 सप्ताह से अधिक समय तक रहती है, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
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कब है चिंता की बात

अगर बच्चे ने कोई वस्तु निगल ली है और उसकी वजह से उसे खांसी हो रही है या उसका दम घुट रहा है तो आप उसे तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाएं। अगर आपके बच्चे की खांसी ठीक नहीं हो पा रही है या खांसी से खून आ रहा है या बच्चे को खांसी की वजह से अपने रोजमर्रा के काम करने में भी दिक्कत हो रही है तो आपको उसे डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
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