बंगाल: सीबीआई ने शिक्षक भर्ती घोटाले में उत्तर बंग विश्वविद्यालय के कुलपति को गिरफ़्तार किया


उत्तर बंग विश्वविद्यालय के कुलपति सुबीरेश भट्टाचार्य 2014-18 तक पश्चिम बंगाल केंद्रीय स्कूल सेवा आयोग के अध्यक्ष थे. आरोप है कि उन्होंने 2016 में सहायक शिक्षकों की नियुक्ति में आयोग के तत्कालीन सलाहकार के साथ मिलकर अयोग्य, ग़ैर-सूचीबद्ध और निचली रैंक वाले उम्मीदवारों को अनुचित लाभ दिया था.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को उत्तर बंग विश्वविद्यालय (एनबीयू) के कुलपति सुबीरेश भट्टाचार्य को पश्चिम बंगाल में 2016 में सहायक शिक्षक भर्ती घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

पश्चिम बंगाल केंद्रीय स्कूल सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष भट्टाचार्य को कोलकाता में सीबीआई कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया था. अधिकारियों ने कहा कि पूछताछ में सहयोग नहीं करने के कारण सीबीआई ने उन्हें हिरासत में ले लिया.

द हिंदू के मुताबिक, सीबीआई के सूत्रों ने कहा कि भट्टाचार्य जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे और घोटाले में उनकी भूमिका थी. वह इस घोटाले में गिरफ्तार होने वाले पहले कुलपति हैं.

भट्टाचार्य 2014-18 तक आयोग के अध्यक्ष थे. अधिकारियों ने बताया कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर सीबीआई ने जांच शुरू की थी.

आरोप है कि आयोग के तत्कालीन सलाहकार एसपी सिन्हा ने अन्य लोगों के साथ मिलकर 2016 में आयोग द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय चयन परीक्षा में कक्षा नौवीं और 10वीं के लिए सहायक शिक्षकों की नियुक्ति में अयोग्य, गैर-सूचीबद्ध और निचली रैंक वाले उम्मीदवारों को अनुचित लाभ दिया था.

सीबीआई ने हाल में सिन्हा को हिरासत में लिया था, जो एक अलग प्राथमिकी के संबंध में पहले से ही न्यायिक हिरासत में थे.

सीबीआई ने इस साल सात अप्रैल को दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया था कि आरोपियों ने कथित तौर पर आयोग के नियमों का उल्लंघन किया और योग्य तथा वास्तविक उम्मीदवारों को सहायक शिक्षक के रूप में नियुक्ति से वंचित कर दिया.

समाचार एजेंसी एनआई के मुताबिक, भट्टाचार्य की गिरफ्तारी इस साल अगस्त में एजेंसी द्वारा उनके आवास और कार्यालय की तलाशी के बाद हुई है.

सीबीआई ने एक बयान में कहा, ‘यह आरोप लगाया गया है कि आरोपियों ने अनुचित लाभ उठाया और दूसरों के साथ साजिश करके अयोग्य और गैर-सूचीबद्ध उम्मीदवारों को पश्चिम बंगाल राज्य के विभिन्न स्कूलों में ग्रुप-सी स्टाफ के पद पर अवैध नियुक्ति की सुविधा प्रदान की.’

सीबीआई ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) घोटाले के सिलसिले में दिल्ली और कोलकाता में एक सॉफ्टवेयर कंपनी के परिसरों में छह स्थानों पर तलाशी ली.

कोलकाता की एक विशेष अदालत ने स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) भर्ती घोटाला मामले में पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी की न्यायिक हिरासत 14 सितंबर तक बढ़ा दी है.

इस मामले के आरोपी पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को भर्ती घोटाले के सिलसिले में जुलाई में गिरफ्तार किया गया था. साथ ही, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भर्ती घोटाले के सिलसिले में कोलकाता की एक अदालत के समक्ष आरोप पत्र दायर किया.

प्रवर्तन निदेशालय ने घोटाले में कथित रूप से अर्पिता मुखर्जी से जुड़े कई परिसरों पर छापेमारी की थी. जांच एजेंसी ने घोटाले में छापेमारी के दौरान करीब 50 करोड़ रुपये की नकदी, विदेशी मुद्रा, आभूषण और सोने के बिस्कुट बरामद करने का दावा किया है.

पार्थ चटर्जी तृणमूल कांग्रेस सरकार में 2014 से 2021 तक शिक्षा मंत्री थे. चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद उन्हें मंत्री पद से हटा दिया गया और तृणमूल कांग्रेस से निलंबित कर दिया गया.

द हिंदू के मुताबिक, ईडी ने 172 पन्नों की चार्जशीट में पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के साथ-साथ उनके द्वारा कथित तौर पर बनाई गई कई कंपनियों के नाम भर्ती घोटाले में आरोपी के रूप में शामिल किया है.

एजेंसी के एक प्रेस बयान में कहा गया है कि ईडी ने पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले में 48.22 करोड़ रुपये की संपत्ति को अस्थायी रूप से कुर्क किया है, जिसमें 40.33 करोड़ मूल्य की 40 अचल संपत्तियां और 35 बैंक खातों में 7.89 करोड़ की शेष राशि शामिल है.

बयान में कहा गया है कि 22, 27 और 28 जुलाई को की गई तलाशी के दौरान दो परिसरों से 49.80 करोड़ रुपये की नकदी और 5.08 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के सोने और आभूषण जब्त किए गए थे.

बयान में कहा कि संपत्तियों में फ्लैट, एक फार्महाउस, कोलकाता शहर में प्रमुख भूमि और बैंक बैलेंस शामिल हैं. संपत्तियों को पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी के स्वामित्व में लाभकारी पाया गया है. कई संपत्तियां नकली कंपनियों और फर्मों और पार्थ चटर्जी के लिए प्रॉक्सी के रूप में काम करने वाले व्यक्तियों के नाम पर थीं.

सीबीआई ने 15 सितंबर को पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली को स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) घोटाला मामले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया था.

इस साल अगस्त में सीबीआई ने शांति प्रसाद सिन्हा और अशोक साहा को गिरफ्तार किया था, जो स्कूल सेवा आयोग द्वारा भर्ती की निगरानी करने वाली पांच सदस्यीय समिति का हिस्सा थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)





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