18 घंटे पहले
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चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर ने चंद्रमा के साउथ पोल पर सफलतापूर्वक लैंडिग कर ली है ।इसके साथ ही भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर कामयाब लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। वहीं, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में कैमरे से चांद पर जूम करने पर चंद्रयान-3 देखा जा सकता है। इस दौरान चंद्रयान-3 के साथ तिरंगा लहराता हुआ नजर आ रहा है।
दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो चांद पर लैंड हुए चंद्रयान-3 का है। जिसे धरती से चांद पर जूम कर के रिकॉर्ड किया गया है।
वीडियो शेयर कर वेरिफाइड यूजर आरएस ने लिखा- चांद पर लैंड करता चंद्रयान-3। (अर्काइव)

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो का स्क्रीनशॉट।
इसी कैप्शन के साथ जसबीर करहाना नाम के एक अन्य वेरिफाइड यूजर ने भी ये वीडियो शेयर किया। (अर्काइव)

जसबीर करहाना के पोस्ट का स्क्रीनशॉट।
वायरल वीडियो में @akhilv.s का वाटर मार्क देखा जा सकता है। पड़ताल के दौरान हमने इस यूजर अकाउंट को सोशल मीडिया पर सर्च किया। सर्च करने पर हमें अखिल के इंस्टा अकाउंट पर ये वीडियो मिला। अखिल ने अपनी प्रोफाइल पर ये वीडियो 15 अगस्त को शेयर किया था।

अखिल की इंस्टाग्राम पोस्ट का स्क्रीनशॉट।
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अखिल ने वीडियो शेयर कर ये ISRO साइंटिस्ट को समर्पित किया था। पड़ताल के अगले चरण में हमने अखिल से इंस्टाग्राम पर संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि ये वीडियो उन्होंने ही बनाया था।

अखिल से हुई बातचीत का स्क्रीनशॉट।
अखिल ने भास्कर को बताया कि ये वीडियो उन्होंने ब्लेंडर और न्यूक सॉफ्टवेयर की मदद से बनाया था। इस वीडियो को अखिल ने 15 अगस्त को शेयर किया था, जिसके बाद ये काफी वायरल हो गया। अखिल केरल स्थित VFX/CGI आर्टिस्ट हैं। वह अक्सर कंप्यूटर जेनरेटेड कंटेंट बनाकर अपनी प्रोफाइल पर शेयर करते हैं।
साफ है कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा पूरी तरह गलत है। ये वीडियो रियल नहीं बल्कि सॉफ्टवेयर की मदद से बनाया गया है।
इस मिशन से भारत को क्या हासिल होगा?
इसरो के एक्स साइंटिस्ट मनीष पुरोहित कहते हैं कि इस मिशन के जरिए भारत दुनिया को बताना चाहता है कि उसके पास चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने और रोवर को वहां चलाने की काबिलियत है। इससे दुनिया का भारत पर भरोसा बढ़ेगा जो कॉमर्शियल बिजनेस बढ़ाने में मदद करेगा। भारत ने अपने हेवी लिफ्ट लॉन्च व्हीकल LVM3-M4 से चंद्रयान को लॉन्च किया है। इस व्हीकल की काबिलियत भारत पहले ही दुनिया को दिखा चुका है।
बीते दिनों अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस की कंपनी ‘ब्लू ओरिजिन’ ने इसरो के LVM3 रॉकेट के इस्तेमाल में अपना इंटरेस्ट दिखाया था। ब्लू ओरिजिन LVM3 का इस्तेमाल कॉमर्शियल और टूरिज्म पर्पज के लिए करना चाहता है। LVM3 के जरिए ब्लू ओरिजिन अपने क्रू कैप्सूल को प्लान्ड लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) स्पेस स्टेशन तक ले जाएगा।
