सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों के उच्च योगदान की तुलना में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में कृषि और संबद्ध क्षेत्र का योगदान केवल 12 प्रतिशत है, जबकि 65 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है.

उन्होंने कहा कि इथेनॉल उद्योग किसानों के लिए वरदान है. देश में इथेनॉल की मांग बढ़ेगी, यह भारत की कृषि अर्थव्यवस्था को बदल देगा. उन्होंने कहा, ‘‘हमारे किसान न केवल अन्नदाता होंगे बल्कि ऊर्जादाता भी बनेंगे.”
गडकरी ने विश्वास जताया कि इथेनॉल की मांग के साथ जीडीपी में कृषि की हिस्सेदारी भी बढ़ेगी. उन्होंने कहा, ”मुझे बहुत खुशी है कि जिस दिन इथेनॉल की अर्थव्यवस्था दो लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी, उस दिन कृषि वृद्धि दर जो 12 प्रतिशत है, वह बढ़कर 20 प्रतिशत हो जाएगी.”
मंत्री ने कहा कि जनरेटर सेट, वाहन, विमान आदि में वैकल्पिक ईंधन के सफल परीक्षण किए गए हैं. गडकरी ने बताया कि पड़ोसी देश बांग्लादेश ने भारत से इथेनॉल मिले पेट्रोल की आपूर्ति करने का अनुरोध किया है.

गडकरी ने कहा, ‘‘यह किसानों के लिए एक वरदान है. मैं ऐसी तकनीक विकसित करने के लिए टोयोटा किर्लोस्कर के प्रबंधन को धन्यवाद देता हूं जो देश में प्रदूषण को कम करने और कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद करेगी. मैं फ्लेक्स इंजन पर अधिक मॉडल बनाने का अनुरोध करता हूं. मुझे मोटरसाइकिल चाहिए, ई-रिक्शा, ऑटो रिक्शा, कारें 100 प्रतिशत इथेनॉल वाली होंगी.”

केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, ‘‘मौजूदा समय में ई-20 ईंधन देशभर में 3,300 से अधिक पेट्रोल पंप पर वितरित किया जा रहा है और अप्रैल, 2025 तक यह पूरे भारत में उपलब्ध होगा. अप्रैल, 2025 तक ई-20 कार्यान्वयन के साथ अनुमानित आयात खर्च की बचत लगभग 35,000 करोड़ रुपये सालाना हो सकती है.
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