
आम आदमी पार्टी ने मेयर चुनाव जल्द से जल्द कराने के लिए शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल की थी। इस बीच, उपराज्यपाल ने अरविंद केजरीवाल के 16 फरवरी को मेयर चुनाव कराने के फैसले को इजाजत दे दी थी। लेकिन अब शीर्ष अदालत इस मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी को करेगा यानी 16 फरवरी को अब मेयर का चुनाव नहीं हो पाएगा।
गौरतलब है कि आप लगातार इसकी मांग कर रही थी। इसी मुद्दे पर पिछले दो बार के मेयर चुनाव में घमासान भी मचा था। आप मनोनीत पार्षदों के वोटिंग राइट का विरोध कर रही थी। लेकिन अब कोर्ट ने साफ कह दिया है कि इस बारे में संवैधानिक प्रावधान स्पष्ट है।
गौरतलब है कि पहले 6 जनवरी को मेयर का चुनाव कराने की तारीख घोषित की गई थी। लेकिन उस दिन सदन में बीजेपी और आप पार्षदों के बीच हाथापाई हो गई। इसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। फिर 24 जनवरी को दोबारा मेयर चुनाव कराने की घोषणा की गई लेकिन इस बार पार्षदों की शपथ तो हो गई लेकिन मनोनीत पार्षदों के वोटिंग को लेकर फिर बवाल हो गया और सदन स्थगित कर दिया गया। 6 फरवरी को मेयर चुनाव के लिए फिर सदन बैठा लेकिन आप के दो विधायकों के वोटिंग राइट खत्म करने पर विवाद हो गया। फिर सदन में नारेबाजी शुरू हो गई और एक बार फिर से सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।