भले ही सड़क के दूसरी साइड में मंदिर के बगल में एक अधिकृत पार्किंग है, लेकिन उसमें इतनी जगह नहीं है कि बड़ी संख्या में वाहन खड़े हो सकें। इस वजह से लोग अपने वाहनों को सड़क के किनारे पार्क करने के लिए मजबूर हैं। सड़क किनारे गाड़ियां खड़ी होने के बाद रोड घिर जाता है और किसी इवेंट और पीक आवर्स के दौरान जाम लग जाता है।
लोग सड़क किनारे खड़ा कर देते हैं गाड़ियां
हालांकि, ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों को सड़क पर तैनात किया जाता है, जो वाहन मालिकों का चालान भी करते हैं और कुछ मामलों में सड़क पर खड़ी कारों को हटा देते हैं। भैरों मार्ग पर सुबह के समय भारी ट्रैफिक आवाजाही देखी जाती है क्योंकि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर जाने वाले ज्यादातर लोग मध्य दिल्ली या सुप्रीम कोर्ट की ओर जाने के लिए इस रास्ते का इस्तेमाल करते हैं।
लोग भूमिगत पार्किंग का नहीं करते इस्तेमाल
भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (ITPO) का दावा है कि इसकी मेगा भूमिगत पार्किंग सुविधा जनता के लिए चालू है, लेकिन कुछ वाहन मालिक अभी भी बाहर पार्क करते हैं। कुछ लोग नहीं सुनते हैं और फिर भी सड़क पर और गोल चक्कर के आसपास गाड़ी खड़ी कर देते हैं। हम स्थिति को बेहतर तरीके से संभालने की कोशिश कर रहे हैं।
पारगमन कॉरिडोर अभी भी अधूरा
पिछले साल जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किया गया पारगमन कॉरिडोर अभी भी अधूरा है। भैरों मार्ग और रिंग रोड टी-जंक्शन पर अंडरपास नंबर 5 के निर्माण की धीमी प्रगति के कारण विशेष रूप से पीक ऑवर्स के दौरान यहां ट्रैफिक जाम होना एक आम बात हो गई है। निर्माण कार्य कर रहे लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के अनुसार काम की अनिश्चित परिस्थितियों के कारण अंडरपास को पूरा करने में और देरी हो सकती है। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पहले वादा किया था कि काम फरवरी के अंत तक पूरा हो जाएगा।
अंडरपास नंबर 5 का काम धीमी गति से हो रहा
एक पीडब्ल्यूडी अधिकारी ने कहा, ‘मिट्टी की स्थिति और रेलवे लाइन के बुनियादी ढांचे की वजह से अंडरपास नंबर 5 पर काम धीमी गति से हो रहा है। बॉक्स पुशिंग का काम बहुत सुरक्षित तरीके से करना होता है। काम पूरा होने में पहले की अपेक्षा ज्यादा समय लगेगा। फरवरी के अंत तक इसकी संभावना कम लगती है।’ शुक्रवार को प्रगति मैदान में मेले के कारण मध्य दिल्ली और उसके आसपास की कई सड़कों पर भारी ट्रैफिक जाम के कारण यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।