जन्‍म से ही शिशु के दिल में होता है ये डिफेक्‍ट, अपने बेबी की कैसे कर सकते हैं आप खुद जांच


​कंजेनाइटल हार्ट डिफेक्‍ट में हार्ट की संरचना के अंदर डिफेक्‍ट होता है जो कि जन्‍म से ही बच्‍चे में होता है। कंजेनाइटल हार्ट डिफेक्‍ट जन्‍मात विकारों में सबसे आम है। हर साल 200,000 से भी ज्‍यादा शिशु भारत में इस विकार के साथ पैदा होते हैं। इनमें से 70 हजार शिशुओं को क्रिटिकल डिफेक्‍ट होता है। इसका मतलब है कि इन शिशुओं को जिंदा रहने के लिए पहले साल में ही इलाज की सख्‍त जरूरत होती है।​

कितने तरह के होते हैं हार्ट डिफेक्‍ट

कितने तरह के होते हैं हार्ट डिफेक्‍ट

हार्ट डिफेक्‍ट कई तरह के होते हैं। इसके प्रकार और गंभीरता के आधार पर ही इसके संकेत और लक्षण दिखाई देते हैं। हो सकता है कि इसके कुछ प्रकार में कोई भी लक्षण या संकेत नजर ही ना आए। कुछ शिशुओं में इसकी वजह से होंठ और नाखून नीले पड़ जाते हैं, सांस तेजी से आती है या सांस लेने में दिक्‍कत होती है, दूध पीते समय थकान होती है और सुस्‍ती रहती है।

क्‍या कहती हैं डॉक्‍टर

क्‍या कहती हैं डॉक्‍टर

मुलुंद के फोर्टिस पीडियाट्रिक हार्ट केयर टीम की सीनियर पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजिस्‍ट डॉक्‍टर स्‍वाति गरेकर कहती हैं कि नवजात शिशु अगी बहुत ज्‍यादा एक्टिव नहीं है या उसके नाखून और जीभ नीले पड़ रहे हैं और ठीक से दूध नहीं पी पा रहा है और तेज सांसे ले रहा है, तो यह उसमें गंभीर कंजेनाइटल हार्ट डिफेक्‍ट का संकेत हो सकता है। शिशु में इस बीमारी की पुष्टि करने के लिए ईको कार्डियोग्राम करवाया जाता है।

घर जाने से पहले होता है टेस्‍ट

घर जाने से पहले होता है टेस्‍ट

डॉक्‍टर स्‍वाति ने बताया कि पश्चिम में शिशु को जन्‍म के बाद घर भेजने से पहले पल्‍स ऑक्‍सीमीटर से शिशु का ऑक्‍सीजन सैचुरेशन लेवल चेक किया जाता है। अगर कोई प्रमुख हार्ट डिफेक्‍ट हो, तो यह लेवल लो आएगा। अब भारत के सभी राज्‍यों को इस बीमारी को गंभीरता से लेना शुरू कर देना चाहिए। फिलहाल सिर्फ 1 से 2 राज्‍यों में ही इसे गंभीरता से लिया जा रहा है।
फोटो साभार : pexels

क्‍या है वजह

क्‍या है वजह

फोर्टिस एसकॉर्ट के डायरेक्‍टर पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी से डॉक्‍टर नीरज अवस्‍थी ने कहा कि “सीएचडी 1000 बच्चों में लगभग 3 से 8 बच्चों में मौजूद होता है। इसका मतलब यह है कि सीएचडी के कारण किसी एक कारक को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। कहा जा रहा है कि सीएचडी अनुवांशिक हो सकता है

कई प्रकार के हृदय दोष कुछ आनुवंशिक सिंड्रोम के कारण होते हैं। कुछ सीएचडी को उन विषाक्त पदार्थों के लिए भी जिम्मेदार ठहराया जा सकता है जो लिथियम और मिर्गी-रोधी दवाओं जैसी दवाओं के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते हैं। लिथियम आमतौर पर कई एंटी-डिप्रेसेंट में पाया जाता है और कभी-कभी भ्रूण में हृदय दोष जैसे एबेटन विसंगति का कारण बन सकता है।

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धूम्रपान हो सकती है वजह

धूम्रपान हो सकती है वजह

धूम्रपान से बच्चों का विकास मंद हो सकता है, जिन्हें हृदय संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि प्रसव से पहले ही भ्रूण का इकोकार्डियोग्राम करवा लिया जाए। इन दोषों में से कुछ का उपचार प्रसव पूर्व किया जा सकता है। आज टेक्‍नोलॉजी ने इतनी तरक्‍की कर ली है कि इन बच्‍चों को बेहतर जीवन मिल सकता है।
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नोट : अगर आपकी भी कोई प्रेग्‍नेंसी प्रॉब्‍लम या कॉम्प्लिकेशन है जिस पर आप गायनेकोलॉजिस्‍ट की सलाह या एक्‍सपर्ट एडवाइस लेना चाहती हैं, तो उसे [email protected] पर भेज सकती हैं। आपकी पहचान गुप्त ही रखी जाएगी।



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