चीन को महंगी पड़ रही अपनी ही नीति; बड़ी-बड़ी कंपनियां कर रहीं किनारा, इस बार Dell ने दिया झटका


हाइलाइट्स

Dell अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनी है
डेल चाइना मेड चिप के यूज को कम करना चाहता है
चीन और अमेरिका के बीच चल रहा है तनाव

नई दिल्ली. Dell Technologies Inc ने 2024 तक चीन निर्मित चिप्स का उपयोग बंद करने की योजना बनाई है और यूएस-बीजिंग तनाव के बीच सप्लायर्स को अपने प्रोडक्ट्स में दूसरे मेड-इन-चाइना कंपोनेंट्स की मात्रा कम करने के लिए कहा है. ये जानकारी Nikkei के हवाले से मिली है.

कंपनी ने पिछले साल के अंत में सप्लायर्स को बताया कि इसका उद्देश्य चीन निर्मित चिप्स की मात्रा को सार्थक रूप से कम करना है, जिसमें गैर-चीनी चिप मेकर्स के स्वामित्व वाली फैसिलिटीज में प्रोड्यूस्ड चिप भी शामिल हैं. ये जानकारी मामले से जुड़े तीन लोगों के हवाले से दी गई है.

बाइडन प्रशासन ने लिया था फैसला
बीते अक्टूबर में बाइडन प्रशासन ने एक्सपोर्ट कंट्रोल के लिए नए नियमों को पब्लिश किया था. इसमें अमेरिकी इक्विपमेंट के साथ दुनिया में कहीं भी बने कुछ सेमीकंडक्टर चिप्स से चीन को अलग करने के लिए उपाय बताए गए थे. ऐसा बीजिंग की तकनीकी और सैन्य प्रगति को धीमा करने के प्रयास में किया जा रहा है.

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इस नए नियम से टॉप टूलमेकर्स को अपने इक्विपमेंट की शिपमेंट को पूरी तरह से चीन के स्वामित वाले फैक्ट्रीज के लिए रोकना है. जो एडवास्ड लॉजिक चिप बनाते हैं. वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने कहा कि कई नए नियमों का उद्देश्य विदेशी फर्मों को चीन को उन्नत चिप्स बेचने से या चीनी कंपनियों को अपने स्वयं के उन्नत चिप्स बनाने के लिए उपकरणों की आपूर्ति करने से रोकना था.

बाइडन प्रशासन के फैसले से चीन का अत्याधुनिक हथियारों और मिसाइलों के विकास का कार्यक्रम धीमा पड़ सकता है. साथ ही अंतरिक्ष के लिए हो रहे उसके रिसर्च पर भी दिक्कत आ सकती है. बाइडन प्रशासन के इस फैसले को अमेरिका और चीन के बीच तकनीक क्षेत्र में अघोषित युद्ध की शुरुआत माना जा रहा है.

आपको बता दें कि चीन सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री को बढ़ावा देने में जुटा है. चीन देश समेत दुनियाभर में अपना दबदबा बढ़ाने के लिए एक बड़े पैकेज का भी ऐलान कर सकता है. हालांकि, चीन की इस नीति को दूसरे देश बखूबी समझ रहे हैं. यही वजह है कि बीते साल अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अमेरिकी सेमीकंडक्टर उत्पादकों का समर्थन करने और चीन के साथ प्रतिस्पर्धा में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए 52.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर के कानून पर हस्ताक्षर किए. इसके तहत सेमीकंडक्टर उद्योग को करीब 52 बिलियन डॉलर की सब्सिडी मिलेगी, लेकिन ये सब्सिडी उन्हीं कंपनियों को दी जाएगी, जो दस साल तक चिप के क्षेत्र में चीन के साथ कोई कारोबार नहीं करेंगी. बिल पारित होने के बाद चीन के विदेश मंत्रालय ने इसे लेकर कड़ी आपत्ति जताई थी.

एक तरह जहां अभी डेल ने 2024 तक मेड-इन-चाइन चिप के उपयोग को बंद करने की योजन बनाई है. तो वहीं, कई कंपनियां अब अपना प्रोडक्शन चीन में बंद कर रही हैं. इनमें Apple और Google जैसी बड़ी कंपनियों के नाम शामिल हैं.

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