एक दिन पहले
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चंद्रयान-3 ने बुधवार यानी 23 अगस्त को चांद के साउथ पोल पर सॉफ्ट लैंडिंग कर ली है। भारत चांद के साउथ पोल पर कदम रखने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। इस बीच सोशल मीडिया पर BBC न्यूज की एक वीडियो क्लिप वायरल हो रही है।
इसमें विदेशी एंकर एक भारतीय से पूछ रहा है कि भारत में जहां इन्फ्रास्ट्रक्चर की इतनी कमी है, जहां इतनी गरीबी है, जहां 700 मिलियन लोगों के पास आज भी शौचालय की सुविधा नहीं है। क्या वहां स्पेस प्रोग्राम में इतना पैसा खर्चा करना चाहिए।
व्हीमसिकल फीड नाम के वेरिफाइड यूजर ने वीडियो शेयर कर लिखा- वीडियो में देखें चंद्रयान-3 पर BBC न्यूज का क्या सोचना है। (अर्काइव)

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो का स्क्रीनशॉट।
इसी कैप्शन के साथ मेघ अपडेट नाम के वेरिफाइड यूजर ने भी इस वीडियो को शेयर किया। (अर्काइव)

मेघ अपडेट की पोस्ट का स्क्रीनशॉट।
वायरल वीडियो का सच जानने के लिए हमने इससे जुड़े की-वर्ड्स सर्च किए। सर्च करने पर हमें 2 मिनट 21 सेकेंड का ये वीडियो विदेश TV के यूट्यूब चैनल पर मिला। वीडियो के टाइटल में लिखा है- चंद्रयान-2 पर BBC का रिएक्शन, 700 मिलियन भारतीयों के पास शौचालय की सुविधा नहीं है, भारत क्यों स्पेस पर पैसा खर्च कर रहा है। (यूट्यूब वीडियो का लिंक)

यूट्यूब वीडियो का स्क्रीनशॉट।
इस वीडियो में विदेशी एंकर ने BBC के बिजनेस संवाददाता नितिन श्रीवास्तव से चंद्रयान-2 के असफल होने पर बातचीत की थी। इस दौरान एंकर ने पूछा था कि 145 मिलियन खर्च करके भारत इस मिशन से क्या हासिल करना चाहता था। इसके जवाब में संवाददाता ने कहा कि भारत चांद पर रिसर्च करना चाहता है कि क्या चांद पर पानी और मिनरल मौजूद हैं। यह मिशन इसी तरह के रिसर्च से जुड़ा हुआ था।
एंकर ने आगे पूछा कि भारत में जहां इन्फ्रास्ट्रक्चर की इतनी कमी है, जहां इतनी गरीबी है, जहां 700 मिलियन लोगों के पास आज भी शौचालय की सुविधा नहीं है। क्या वहां स्पेस प्रोग्राम में इतना पैसा खर्चा करना चाहिए।
इसके जवाब में संवाददाता ने कहा- इस तरह के सवाल हमेशा से उठते रहे हैं। भारत के स्पेस मिशन दूसरे देशों के मुकाबले काफी कम बजट के रहे हैं। वहीं, हमें इसमें बड़ी कामयाबी भी हासिल हुई है। इस तरह के मिशन मिसाइल टेक्नोलॉजी को बेहतर बनाने में मददगार साबित होते हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो अभी का नहीं बल्कि चंद्रयान-2 के दौरान का है। वहीं, ये वीडियो भी चैनल पर 22 जुलाई 2019 को अपलोड हुआ था। साफ है कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है।
देखिए चंद्रयान-3 पर BBC न्यूज की रिपोर्ट