कार खरीदने की कर रहे हैं प्लानिंग, जान लीजिए क्या होता है फॉर्म 30, चूके तो जाना पड़ सकता है जेल!


हाइलाइट्स

फॉर्म 30 कार बेचने के 14 दिनों के अंदर आरटीओ में जमा करवाना होता है.
इसमें क्रेता, विक्रेता सहित फाइनेंसर की भी जानकारी होती है.
चार हिस्सों में बंटा होता है ये फॉर्म.

नई दिल्ली. यदि आप भी यूज्ड कार खरीदने या बेचने की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपके लिए कुछ बातों का जानना बेहद जरूरी है. कार खरीदने और बेचने के दौरान कई तरह के दस्तावेज रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर के दौरान लगाए जाते हैं. इन्हीं दस्तावेजों के साथ कुछ जरूरी फॉर्म भी होते हैं. इनमें से सबसे जरूरी फॉर्म होता है नंबर 30. ये फार्म कार का मालिक आरटीओ में जमा करवाता है और इसके बिना यदि आपने गाड़ी खरीदी हे तो आप मुश्किल में पकड़ सकते हैं. इसके नहीं होने की स्थिति में यदि कार दुर्घटनाग्रस्त होती है तो आप परेशानी में आ सकते हैं. जुर्माने के साथ ही जेल की सजा का भी प्रावधान है.

ऐसे में हमारे लिए कार खरीदने से पहले ये जानना जरूरी है कि आखिर क्या है फॉर्म 30. इसके लिए किस तरह से आवेदन किया जा सकता है. साथ ही इस फॉर्म में क्या-क्या इंफॉर्मेशन की जाती हैं.

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क्या है फॉर्म 30
मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार बेचने के दौरान आरटीओ में सबसे पहले फॉर्म 29 जमा करवाया जाता है, ये ओनरशिप डिक्लेरेशन से संबंधित होता है. इसके बाद फॉर्म 30 को जमा करवाया जाता है. ये फॉर्म बताता है कि कार का ट्रांसफर किया जाना है और इसका बेचान हो चुका है. ये आरटीओ में कार बेचने के 14 दिनों के अंदर जमा किया जाता है. इस फॉर्म की दो कॉपियां रखी जाती हैं. ये फॉर्म आरटीओ के एक्सेप्ट करने के बाद ही लीगल तौर पर कार का ट्रांसफर होता है.

चार हिस्सों में बंटा है फॉर्म

  • Part A- ओनरशिप ट्रांसफर करने वाले के बारे में जानकारी.
  • Part B- खरीदार की पूरी डिटेल.
  • Part C- फाइनेंसर और लोन के संबंध में पूरी जानकारी.
  • Part D- रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी की जानकारी.

ऑनलाइन करें अप्लाई

  • परिवहन एप की वेबसाइट पर लॉगिन करें. यहां पर इंफॉर्मेशन सर्विस के ऑप्‍शन को सलेक्ट करें.
  • यहां से पर डाउनलोड फॉर्म का ऑप्‍शन चुनें और ऑल फॉर्म्स पर क्लिक करें.
  • यहां फॉर्म 30 को चुन उसे डाउनलोड करें. साथ ही पंजीकरण अधिकारी का नाम, आवेदक का नाम, पिता/पति का नाम और पता रजिस्‍टर करें.
  • कार का रजिस्ट्रेशन नंबर, खरीदार का नाम और पता संबंधी जानकारी दर्ज करें.
  • इन सभी जानकारियों को फॉर्म में भर इसे आरटीओ में जमा करवाएं. यहां पर संबंधित अधिकारी ट्रांसफरर और फाइनेंसर के नाम के यानि रजिस्ट्रेशन में हायपोथिकेशन कर देगा.

Tags: Auto News, Car Bike News, RTO



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