नई दिल्ली21 घंटे पहले
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‘नए संचार नियम’ से जुड़ा एक पोस्ट इन दिनों फेसबुक और वॉट्सऐप पर वायरल है। इस पोस्ट में दावा किया जा रहा रहा है कि वॉट्सऐप और फोन कॉल के लिए नए संचार नियम कल से लागू होंगे। शेयर किए जा रहे पोस्ट में ये दावे हैं…

ब्रह्मा कुमार त्रिपाठी ने जो पोस्ट शेयर की है यह उसका स्क्रीन शॉट है।
ब्रह्मा कुमार त्रिपाठी की फेसबुक प्रोफाइल के अनुसार वे उत्तर प्रदेश पुलिस में कार्यरत हैं।

ब्रह्मा कुमार त्रिपाठी का फेसबुक प्रोफाइल, जहां उनके उत्तर प्रदेश पुलिस में होने की बात लिखी है।
यह वायरल मैसेज फेसबुक पर सोनीपत सिटी (हरियाणा) नाम के एक पब्लिक ग्रुप पर भी शेयर किया गया जिसमें 17 हजार से ज्यादा मेंबर्स हैं। (पोस्ट देखने के लिए क्लिक करें)

सोनीपत सिटी (हरियाणा) पर शेयर किए गए मैसेज का स्क्रीनशॉट।
यही मैसेज अन्य यूजर्स ने भी शेयर किया है। जिसे आप यहां देख सकते हैं –

वायरल मैसेज की पड़ताल करने पर हमें पता चला कि यह दावा फर्जी है। इस संबंध में PIB ने भी ट्वीट करके यह स्पष्ट किया है कि नए संचार नियम से जुड़ा यह वायरल मैसेज फर्जी है। भारत सरकार ने ऐसा कोई नियम लागू नहीं किया है।
देखें ट्वीट –
वहीं, पड़ताल के दौरान हमने मेटा (फेसबुक) और वॉट्सऐप की प्राइवेसी पॉलिसी की भी जांच की जिससे पता चला कि –मेटा और वॉट्सऐप आपके पर्सनल मैसेज नहीं देख सकते और न ही आपकी कॉल्स सुन सकते हैं।
यही नहीं, वॉट्सऐप की प्राइवेसी पॉलिसी के अनुसार…
कौन किसे मैसेज भेज रहा है या कॉल कर रहा है, इसका रिकॉर्ड वॉट्सऐप नहीं रखता क्योंकि करोड़ों यूजर्स का रिकॉर्ड रखने से प्राइवेसी और सुरक्षा दोनों को खतरा हो सकता है। इस लिंक पर क्लिक करके आप मेटा (फेसबुक) और वॉट्सऐप की प्राइवेसी पॉलिसी को विस्तार से पढ़ सकते हैं।
वहीं, बात यदि कॉल रिकॉर्डिंग को लेकर की जाए तो इसे लेकर दिल्ली हाईकोर्ट स्पष्ट कर चुका है कि संबंधित व्यक्ति की सहमति के बिना फोन टैप करना या कॉल रिकॉर्ड करना भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत निजता का उल्लंघन है।
लाइव लॉ वेबसाइट पर 9 दिसंबर 2022 को प्रकाशित हुई खबर में बताया गया है कि जस्टिस जसमीत सिंह ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) कर्मचारियों के कथित अवैध फोन टैपिंग से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडे को जमानत देते हुए ये टिप्पणियां की थी। (खबर का लिंक)

लाइव लॉ वेबसाइट पर प्रकाशित खबर का स्क्रीनशॉट
स्पष्ट है कि ‘नए संचार नियम’ से जुड़ा दावा पूरी तरह गलत और भ्रामक है।