कल लॉन्च होगी पहली फ्लेक्स-फ्यूल कार: यूएस में चल रहीं 2 करोड़ से ज्यादा, टोयोटा लाएगा इंडिया की फर्स्ट; 55 रुपए लीटर वाले इथेनॉल से भी चलेगी

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नई दिल्ली4 घंटे पहले

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इंडिया की पहली फ्लेक्स-फ्यूल कार बुधवार को लॉन्च होगी। यूनियन मिनिस्टर नितिन गडकरी ने फ्लेक्स-फ्यूल कार लॉन्चिंग के बारे में बताया। यूएस में 2 करोड़ से ज्यादा फ्लेक्स-फ्यूल कारें चल रही हैं। वहीं, ऑटो जायंट टोयोटा इंडिया की पहली फ्लेक्स-फ्यूल कार लॉन्च करेगा।

फ्लेक्स-फ्यूल कार की खासियत है कि गाड़ी पेट्रोल समेत इथेनॉल और बाकी फ्यूल पर भी चलेगी। इंडिया में इथेनॉल 55 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से बिक रहा है।

टॉप-ग्लोबल प्रोड्यूसर बनेगा भारत
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैनुफैक्चरर के प्रेजिडेंट केनिची अयुकावा ने बताया कि इंडिया ने व्हीकल के सभी सेगमेंट में टॉप ग्लोबल प्रोड्यूसर बनने का टारगेट रखा है। फ्लेक्स-फ्यूल कार के इनिशिएटिव से इंडिया आने वाले 25 सालों में इस टारगेट को अचीव कर लेगा।

कई कंपनियां निकाल रहीं गाड़ियां
टोयोटा के अलावा इंडिया में बाकी ऑटोमोबाइल कंपनियां भी फ्लेक्स-फ्यूल गाड़ियां लॉन्च करने का प्लान कर रही हैं। हालांकि, शोरूम से इन कारों को खरीदने के लिए इंडिया में लोगों को अभी लंबा इंतजार करना होगा।

क्या है फ्लेक्स-फ्यूल टेक्नोलॉजी?
जैसा कि नाम में जाहिर है फ्लेक्सिबिलिटी, ‘फ्लेक्स-फ्यूल टेक्नोलॉजी’ की कार पेट्रोल समेत 83% तक इथेनॉल मिक्स वाले फ्यूल पर भी वर्क करेगी। यूएस, ब्राजील और कनाडा में इस वक्त ये कारें चल रही हैं।

एक रिपोर्ट के अनुसार, 2018 तक यूएस में 2.10 करोड़ से भी ज्यादा कारें चल रही थीं। यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एनर्जी ने बताया कि फ्यूल में हाई इथेनॉल ब्लेंड मिक्स करने पर कार की परफॉरमेंस में इम्प्रूवमेंट देखा गया।

पेट्रोल कार से क्यों अलग है ये?
इस कार के ज्यादातर पार्ट्स पेट्रोल कार की तरह ही हैं। इनमें इंटरनल कंबशन इंजन लगा है, जो पेट्रोल या 83% तक इथेनॉल मिक्स फ्यूल पर भी काम करेगा। हालांकि, इसके कुछ कम्पोनेंट केवल इथेनॉल युक्त फ्यूल के लिए ही कम्पैटिबल हैं।

इंजन ओवरयूज पर मिलेगी वॉर्निंग
फ्यूल पंप और फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम में कुछ मोडिफिकेशन किए गए हैं। इथेनॉल का हाई ऑक्सीजन कॉन्टेंट यूज करने के लिए इनमें इंजन कंट्रोल मॉड्यूल लगाया गया। ये मॉड्यूल फ्यूल मिक्सर, इग्निशन टाइमिंग और एमिशन सिस्टम को मॉनिटर और कंट्रोल करेगा। इंजन ओवरयूज पर वॉर्निंग देगा और गाड़ी की बाकी परेशानियों को भी डिटेक्ट करेगा।

क्या हैं इस कार के फायदे?
फ्लेक्स-फ्यूल कार के मालिक जब चाहें तब गाड़ी को इथेनॉल पर स्विच कर सकते हैं। पेट्रोल गाड़ियों के मुकाबले उनके पास ज्यादा ऑप्शन होंगे और वो सस्ते फ्यूल का सिलेक्शन कर सकेंगे। इंडिया में पेट्रोल जहां 100 रुपए लीटर से भी महंगा है तो वहीं, इथेनॉल 55 रुपए लीटर के हिसाब से बिक रहा है। इन कारों के इस्तेमाल से दूसरे देशों पर इंडिया की फ्यूल डिपेंडेंसी भी कम होगी।

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