इस लिस्ट में लखनऊ शहर भी आता है, जो न केवल भारत में स्थित है बल्कि ऑस्ट्रेलिया में भी इस नाम की जगह पड़ती है। आज ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर पीएम मोदी ने सिडनी के पास स्थित लखनऊ शहर का जिक्र किया। जिसके बाद आपके जहन में जरूर ये बात आई होगी आखिर ये लखनऊ शहर है कैसा, तो चलिए फिर आपको ऑस्ट्रेलिया के सिडनी के पास स्थित लखनऊ शहर के बारे में बताते हैं।
सिडनी से पड़ता है केवल 245 किमी दूर

ऑस्ट्रेलिया के राज्य न्यू साऊथ वेल्स में एक ऑरेंज सिटी पड़ती है, जब आप सिडनी से होते हुए इस ऑरेंज सिटी जाएंगे, तो यही आपको लखनऊ जगह दिखाई देगी। सिडनी से लखनऊ 245 किमी दूर है। गांव के बाहर एक बोर्ड लगा हुआ है, जिसे देखकर ही आप यकीनन चौक जाएंगे की आखिर ये नाम पड़ा कैसे। ऑस्ट्रेलिया के लखनऊ की आबादी उत्तर प्रदेश के लखनऊ से बहुत ही काम है, बता दें, यहां केवल 300 लोग रहते हैं।
150 साल पुराना है ये गांव

ये गांव करीबन 150 साल पुराना है, साल 1850 में यहां पहली बार सोने की खदान मिली थी, दूर-दूर से यहां लोग सोना खोजने के लिए आया करते थे। जब सोना पाने की चाहत में यहां 200 से भी अधिक लोग बस चुके थे, तब आखिर में इसे गांव घोषित कर दिया गया। यहां बसे लोगों को एक दिन डाक खाने की जरूरत पड़ी, डाक खाने का नाम क्या रखा जाएगा, ये दुविधा भी हुई। तब लोगों ने अलग-अलग इसे नाम देने के बारे में सोचा।
कैसे पड़ा था इस जगह का नाम

इतिहासकार केरिन कुक ने अपनी किताब ‘लखनऊः अ वेरिटेबल गोल्डमाइन’ में इसे भारत के लखनऊ से संपर्क होने का जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि लखनऊ नाम चुनने के कारण कई हो सकते हैं, उस समय ऑस्ट्रेलिया के लखनऊ में सोने का खनन उसी तरह से होता था जैसे भारत के लखनऊ में हुआ करता था। बता दें, ऑस्ट्रेलिया का लखनऊ सोने की खदान से भरा पड़ है। लखनऊ का नाम कैसे पड़ा इससे जुड़े कई दस्तावेज नष्ट हो गए थे। ऐसा कहा जाता है कि खनन कंपनी के क्लर्क रहे मिस्टर रे भारत के लखनऊ में विद्रोह के दौरान घायल हो गए थे, और बाद में ऑस्ट्रेलिया में आकर बस गए थे। शायद नाम रखने की एक ये वजह भी हो सकती है।
लखनऊ में सोना ही सोना

जानकारी के मुताबिक, लखनऊ में एक समय पर 18 हजार किलो सोना खोदा गया था, ये एक सोने का पत्थर था। सोने से घिरा ये गांव आज के टाइम पर मिट्टी में मिल चुका है, बता दें, यहां मुश्किल से 300 लोगों की आबादी है, यहां बच्चों के लिए स्कूल तक नहीं हैं। यहां 100 साल से ज्यादा कुछ ऐतिहासिक इमारतें हैं।