उपराज्यपाल पर भी चलाया जा सकता है मुकदमा… LG पर कोर्ट के क्रिमिनल ट्रायल वाले आदेश पर AAP ने साधा निशाना


नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और दो अन्य के खिलाफ 21 साल पुराने मामले में अहमदाबाद की कोर्ट ने क्रिमिनल ट्रायल का आदेश दिया है। इसपरआम आदमी पार्टी ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि उनपर भी मुकदमा चलाया जा सकता है। ‘आप’ के मुख्य प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सक्सेना पर 2002 में गुजरात आश्रम में कार्यकर्ता मेधा पाटकर से मारपीट करने का आरोप है। उन्होंने इस मामले में याचिका दायर की थी।

मंत्री सौरभ भारद्वाज ने क्या कहा
दिल्ली सरकार के मंत्री भारद्वाज ने कहा कि सक्सेना की याचिका में संविधान के अनुच्छेद 361 (2) का हवाला दिया गया है, जिसमें कहा गया है, ‘राष्ट्रपति या किसी राज्य के राज्यपाल के खिलाफ उनके कार्यकाल के दौरान किसी भी अदालत में कोई भी आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती या जारी नहीं रखी जा सकती।’ उन्होंने कहा कि राज्यपालों को केंद्र सरकार की ओर से चुना जाता है और भारत के राष्ट्रपति की ओर से नियुक्त किया जाता है। जबकि उपराज्यपाल का चयन और नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।

उपराज्यपाल ने संविधान को ही पलट दिया
‘आप’ नेता ने कहा, ‘उपराज्यपाल ने संविधान को ही पलट दिया। अदालत में उनके आवेदन में कहा गया है कि वह राज्यपाल से ऊपर और राष्ट्रपति के नीचे हैं। लेकिन अदालत ने उनके आवेदन को खारिज करते हुए कहा है कि उपराज्यपाल को कोई छूट नहीं मिलती। वह हर दिन अपने अधिकार क्षेत्र में नहीं आने वाले काम कराने के लिए सरकारी विभागों को आदेश जारी करते हैं। इससे पता चलता है कि उनकी जवाबदेही भी तय की जा सकती है।’



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