इस जगह पर हफ्ते भर पहले से ही शुरू हो जाती है होली, असली मजा चाहिए एक बार जरूर जाएं यहां


होली का नाम सुनते ही हम भारतीय लोगों का मन खुशी से झूम उठता है। यह रंगों के साथ जीवन का जश्‍न मनाने का त्‍योहार है। साल भर हम सभी रंगों के इस त्‍योहार का इंतजार करते हैं। वैसे तो आप होली को अपने दोस्‍तों और परिवार वालों के साथ अपने मोहल्ले और शहर की सड़कों पर एन्जॉय करते ही होंगे, लेकिन अगर आपको होली का असल आनंद लेना है, तो वृंदावन से अच्‍छी कोई जगह नहीं है। यहां की होली दुनियाभर में मशहूर है। यहां होली का त्योहार हफ्तेभर पहले से ही शुरू हो जाता है, जो रंग पंचमी तक जारी रहता है। अगर आप होली पर 3 दिन वृंदावन जाने का प्‍लान बना रहे हैं, तो हम आपको कुछ ऐसी जगहों के बारे में बता रहे हैं, जिन्‍हें आपको जरूर एक्‍सप्‍लोर करना चाहिए। (All photo credit: pexels.com)

​पहले दिन जाएं इन जगहों पर – ​

​पहले दिन जाएं इन जगहों पर - ​

बांके बिहारी मंदिर- होली की शुरुआत आप बांके बिहारी मंदिर से कर सकते हैं। होली की असल रौनक यहीं देखने को मिलती है। सप्ताह भर पहले ही यहां की संकरी गलियां लाल, पीले, हरे, गुलाबी रंगों में रंग जाती हैं और होली है होली है का शोरगुल व्‍यक्ति के भीतर एक अलग उत्‍साह पैदा कर देता है।

इस्‍कॉन मंदिर – बांके बिहारी मंदिर से कुछ ही दूरी पर है इस्‍कॉन मंदिर। चूंकि, यह मंदिर सफेद टाइल्स से बना है, इसलिए परिसर में होली खेलने की मनाही है, लेकिन यहां आप फूलों की होली खेल सकते हैं।

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​दूसरे दिन यहां खेलें होली – ​

​दूसरे दिन यहां खेलें होली - ​

होली का सबसे अच्‍छा अनुभव करने के लिए आप दूसरे दिन प्रेम मंदिर जा सकते हैं। वृंदावन में प्रेम मंदिर की स्‍थापना 2001 में हुई थी। यह वृंदावन का सबसे मशहूर और अद्भुत मंदिर है। हालांकि मंदिर में होली खेलने पर पाबंदी है, लेकिन मंदिर के बाहर आपको हजारों सैलानी होली खेलते दिख जाएंगे। ऐसे में आप भी उनके इस जश्‍न में शामिल हो सकते हैं।

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​गोविंद देव जी मंदिर – ​

​गोविंद देव जी मंदिर - ​

गोविंद देव जी मंदिर वृंदावन का सबसे प्राचीन मंदिर है। 7 मंजिला यह मंदिर पूरी तरह से पत्‍थर का बना है। लेकिन मुगल आक्रमण के बाद से इस मंदिर की केवल 3 ही इमारत बची हैं। यहां भी होली का त्‍योहार बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है।

गुलाल-कुंड – वृंदावन होली मनाने के लिए ब्रज में गुलाल-कुंड भी एक और दिलचस्प जगह है। यह गोवर्धन पहाड़ी के पास एक छोटी और सुंदर सी झील है। यहां के रहने वाले लोग कृष्ण-लीला नाटक में अभिनय करते हैं और पर्यटकों के सामने होली के दृश्यों को दर्शाते हैं।

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​तीसरे दिन एन्‍जॉय करें यहां की होली – ​

​तीसरे दिन एन्‍जॉय करें यहां की होली - ​

अपनी यात्रा के तीसरे दिन आप कृष्‍ण जन्‍मस्‍थली को एक्‍सप्‍लेार कर सकते हैं। कहते हैं कि यहां की गलियों में सप्‍ताहभर पहले से ही होली का त्‍योहार शुरू हो जाता है। यहां पर होली का आयोजन भी होता है। जिसमें स्‍थानीय लोगों के अलावा बाहर से आने वाले पर्यटक भी हिस्‍सा लेते हैं। तीसरा पूरा दिन आप यहां आराम से बिता सकते हैं। चूंकि यह जगह स्‍टेशन के पास है, इसलिए आखिरी दिन यहां से वापसी करने में आपको कोई दिक्‍कत भी नहीं होगी।

​कैसे पहुंचे वृंदावन – ​

​कैसे पहुंचे वृंदावन - ​

देश के किसी भी शहर से वृंदावन आसानी से पहुंचा जा सकता है। आप यहां फ्लाइट, ट्रेन और बस से भी जा सकते हैं।

हवाई जहाज – हवाई जहाज से यात्रा करने वाले यात्रियों को वृंदावन पहुंचने के लिए पहले दिल्‍ली या आगरा एयरपोर्ट पहुंचना होगा। यहां से लोकल टैक्‍सी या बस लेकर वृंदावन जाया जा सकता है।

ट्रेन – देश के किसी भी हिस्‍से से आपको मथुरा के लिए ट्रेन मिल जाएगी। वृंदावन जाने के लिए आपको मथुरा जंक्शन पहुंचना होगा। यहां से आप कैब लेकर वृंदावन पहुंच सकते हैं।

सड़क मार्ग – अगर आप ट्रेन या फ्लाइट से नहीं जाना चाहते, तो सीधे बस पकड कर भी वृंदावन पहुंचा जा सकता है।



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