Deepak Punia Gold Medal: तोक्यो ओलिंपिक में चंद सेंकेड्स के भीतर मेडल से चूकने वाले दीपक पूनिया नए जोश के साथ कॉमनवेल्थ पहुंचे थे। बड़े स्टेज पर वह अक्सर गोल्ड से रह जाते हैं, लेकिन आज हरियाणा के इस लाल का दिन था।

ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल से चूके थे
डेयरी किसान के बेटे हैं दीपक
दीपक पुनिया का जन्म हरियाणा के झज्जर क्षेत्र में हुआ था। झज्जर गांव में कुश्ती हमेशा लोगों के लिए एक विकल्प है। दीपक के पिता सुभाष पुनिया एक डेयरी किसान हैं जो युवा दीपक को दंगल पर ले जाते थे। दीपक ने अपने कुश्ती करियर की शुरुआत पांच साल की उम्र में अपने गृहनगर अर्जुन अवार्डी वीरेंद्र सिंह छारा के नेतृत्व वाले एक अखाड़े में की थी। साल 2015 में छत्रसाल स्टेडियम के जाने-माने पहलवान के नेतृत्व में ट्रेनिंग शुरू करने के बाद उन्होंने सबसे पहले वर्ल्ड कैडेट चैंपियनशिप का हिस्सा बनकर अपना हुनर दिखाया हालांकि सफलता नहीं मिली लेकिन फिर भी हार नहीं मानी।
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Web Title : Hindi News from Navbharat Times, TIL Network