पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को मंगलवार 9 मई को इस्लामाबाद हाई कोर्ट परिसर से अल-कादिर ट्रस्ट मामले में गिरफ़्तार किया गया था. क्रिकेटर से राजनेता बने 70 साल के इमरान अदालत के बायोमेट्रिक कमरे में थे जब उन्हें पाकिस्तान रेंजर्स, एक संघीय अर्धसैनिक लॉ इंफ़ोर्समेंट एजेंसी ने हिरासत में लिया था. वीडियो में दिखाया गया है कि जब PTI कार्यकर्ताओं ने दरवाजा खोलने से इनकार किया तो रेंजर्स ने कमरे में घुसने के लिए शीशे तोड़ दिए.
पाकिस्तान स्थित दैनिक डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को इस्लामाबाद स्थित एक रियल एस्टेट कंपनी से कथित तौर पर “बहरिया टाउन, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फर्म को बचाने के बदले में 5 अरब रुपये और सैकड़ों कनाल (ज़मीन) लेने” के लिए नेशनल अकाउंटेबलटी ब्यूरो (NAB) की जांच का सामना करना पड़ रहा है.
उनकी गिरफ़्तारी के तुरंत बाद, देश भर में हिंसक विरोध शुरू हो गया और लगभग 1 हज़ार प्रदर्शनकारियों को गिरफ़्तार कर लिया गया. उनकी गिरफ़्तारी के बाद, इमरान खान की कई तस्वीरें और वीडियोज़ अलग-अलग दावों के साथ शेयर किए गए.
पहला दावा I: जेल में इमरान खान की तस्वीर
10 मई को आज तक बांग्ला ने एक रिपोर्ट पब्लिश की जिसमें दावा किया गया कि जेल से इमरान खान की तस्वीरें लीक हुई हैं. रिपोर्ट का टाइटल है, “इमरान खान अरेस्ट: আগুন জ্বলছে পাকিস্তানে, জেলে কেমন ব্যবস্থা ইমরানের? ছবি लीक” (अनुवाद: पाकिस्तान जल रहा है, जेल में इमरान के लिए क्या इंतज़ाम हैं? तस्वीरें लीक), कथित तौर पर जेल में इमरान खान की खींची गई दो तस्वीरें थीं.
आजतक ने भी इमरान खान की गिरफ़्तारी को लेकर अपनी रिपोर्ट में इस तस्वीर का कई बार इस्तेमाल किया है. इस सेगमेंट को पत्रकार शुभंकर मिश्रा ने होस्ट किया था. (आर्काइव)
NDTV, टाइम्स नाउ नवभारत और ज़ी न्यूज़ ने रिपोर्ट्स/बुलेटिन में भी ये तस्वीर इस्तेमाल की थी. जहां ज़ी न्यूज़ ने इसे इमरान ख़ान की गिरफ़्तारी के बाद की पहली तस्वीर बताया, वहीं टाइम्स नाउ ने कहा कि इमरान ख़ान तस्वीर में बेबस और लाचार नज़र आ रहे हैं.
एशियानेट न्यूज़ तमिल और नईदुनिया ने इन तस्वीरों में से एक का इस्तेमाल करते हुए दावा किया कि ये इमरान ख़ान की जेल में पहली रात की तस्वीरें हैं. नईदुनिया का दावा है कि तस्वीर में इमरान खान बीमार दिख रहे हैं. आगे कहा गया कि उन्हें सोने नहीं दिया गया और उन्हें प्रताड़ित किया गया.
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने देखा कि आज तक बांग्ला द्वारा इस्तेमाल की गई तस्वीरों में से एक पर टेक्स्ट ‘एक्सक्लूसिव बाय मिडजर्नी’ सुपरइम्पोज़ किया गया है.
फ़ेसबुक पर संबंधित की-वर्ड्स से सर्च करने पर, हमने देखा कि दूसरी तस्वीर में भी वही वॉटरमार्क था.
मिडजर्नी एक AI टूल है जो नेचरल भाषा के डिस्क्रिप्शन से तस्वीर बनाता है जिसे ‘प्रॉम्प्ट्स’ कहा जाता है. इसकी वेबसाइट के मुताबिक, ये ‘एक इंडिपेंडेंट रिसर्च लैब है जो विचार के नए माध्यमों की खोज करती है और मानव प्रजातियों की कल्पनाशील शक्तियों का विस्तार करती है.’
हमने तस्वीरों में कुछ बाते नोटिस कीं. एक तस्वीर में इमरान खान के पैरों में सात उंगलियां हैं. नीचे, हमने इसकी तुलना ऑनलाइन मौजूद इमरान खान की अन्य तस्वीरों से की है. इससे साफ होता है कि असल में इमरान खान के पैर में सात उंगलियां नहीं हैं.
एक और विसंगति जो दूसरी तस्वीर में साफ तौर पर ध्यान देने लायक है, वो है इमरान खान के ग़लत आकार के हाथ. AI-जनरेटेड तस्वीरों में ये एक सामान्य विशेषता है.
न्यू यॉर्कर के एक आर्टिकल के मुताबिक, मिडजर्नी, स्टेबल डिफ्यूजन और डल-ई जैसे नए स्टेबल उपकरण एक फ़ोटोरिअलिस्टिक लैंडस्केप को पेश करने में सक्षम हैं, ये एक सेलिब्रिटी के चेहरे की नकल करते हैं, किसी भी कलाकार की शैली में एक इमेज को रीमिक्स करते हैं, और असल तौर पर तस्वीर के बैकग्राउंड को रिप्लेस करते हैं. लेकिन हाथ ड्रॉ करने का अनुरोध करने पर इनसे मनमाफ़िक रिज़ल्ट नहीं मिल पाता. एक जनरेटर ये गणना कर सकता है कि हाथों में उंगलियां हैं. लेकिन ये समझाने के लिए इसे ट्रेन करना मुश्किल है कि उंगलियाँ सिर्फ पांच होनी चाहिए, या फिर कि आपस में उंगलियों की लंबाई एक दूसरे से अलग होती हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि हाथ अलग-अलग ऐंगल से बहुत अलग दिखते हैं.
यानी, ये साफ है कि आज तक और आजतक बांग्ला सहित मीडिया संघठनों ने इमरान खान की AI-जेनरेटेड तस्वीरों का इस्तेमाल करते हुए दावा किया कि ये तस्वीरें जेल में इमरान के पहली रात की हैं.
दूसरा दावा: लंदन में नवाज शरीफ के घर के बाहर इमरान खान की गिरफ़्तारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
उप्साला विश्वविद्यालय में पीस एंड कंफ्लिक्ट स्टडीज के प्रोफ़ेसर अशोक स्वैन ने प्रोटेस्ट का एक वीडियो ट्वीट करते हुए दावा किया कि इसे लंदन में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के घर के बाहर लिया गया था. उन्होंने दावा किया कि ‘ये विरोध प्रदर्शन वैश्विक हो गया है.’ (आर्काइव)
Imran Khan protest goes global – A large number of Pakistanis are protesting Imran Khan’s arrest in front of Nawaz Sharif’s house in London. pic.twitter.com/34V68Ak46G
— Ashok Swain (@ashoswai) May 9, 2023
ट्विटर ब्लू सब्सक्राइबर्स @ Bob_cart124 और @Sajidnawazwattu सहित कई और यूज़र्स ने भी इस तस्वीर को शेयर किया.
फ़ैक्ट-चेक
रिवर्स इमेज सर्च करने पर, हमें नवंबर 2022 का एक ट्वीट मिला जिसमें यही वीडियो मौजद था. ट्वीट में दावा किया गया कि वीडियो में नवाज शरीफ के एवेनफील्ड आवास के बाहर के विज़ुअल्स हैं.
Scenes from outside Nawaz Sharif’s Avenfield residence.
Khan has 3 powers right now:
1) Youth
2) Overseas
3) Social MediaAnd nobody can buy or beat them on earth ✌😎#حقیقی_آزادی_لانگ_مارچ pic.twitter.com/5GSM3Rzt8P
— Faisal Khan (@KaliwalYam) November 1, 2022
हमें ऐसे ही विज़ुअल्स के साथ अप्रैल 2022 में @iihtishamm द्वारा ट्वीट किया गया एक और वीडियो भी मिला.
Aerial view of PTI protest out side former PM Nawaz Sharif residency pic.twitter.com/RdwhBP6vBL
— Ihtisham Ul Haq (@iihtishamm) April 17, 2022
वायरल वीडियो और उपर बताए ट्वीट के विज़ुअल्स की तुलना करने पर, ये साफ हो गया कि दोनों वीडियो एक ही घटना के दौरान लिए गए थे.
द प्रिंट के मुताबिक, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के समर्थक पाकिस्तान मुस्लिम लीग सुप्रीमो नवाज शरीफ के आवास के बाहर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को अविश्वास वोट के जरिए हटाने का विरोध कर रहे थे.
हमें अप्रैल 2022 के और ट्वीट भी मिले जिनमें नवाज़ शरीफ़ के घर के बाहर इन्हीं विजुअल्स को दिखाया गया था.
Protest in London, Outside of Nawaz Sharif’s Flat pic.twitter.com/0UrzUL6KnC
— Mohsin Haleem (@mohsinhaleem_) April 17, 2022
यानी, अप्रैल 2022 में लंदन में नवाज शरीफ के आवास के बाहर अविश्वास प्रस्ताव के बाद इमरान खान की हार का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों का एक वीडियो इस दावे के साथ वायरल है कि ये हाल में 9 मई, 2023 को इमरान खान की गिरफ़्तारी के बाद का है.
तीसरा दावा: जेल में इमरान खान के साथ कैसा व्यवहार किया जाना है, इस पर समझौता
एक डॉक्यूमेंट की एक तस्वीर इस दावे के साथ शेयर की जा रही है कि ये इमरान खान और पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत डोनाल्ड ब्लोम और पाकिस्तान सरकार के एक अधिकारी द्वारा साइन किए एक समझौते की है. डॉक्यूमेंट कथित तौर पर इमरान खान की गिरफ़्तारी के लिए समझौते की शर्तों को दिखाती है जिसमें उसके साथ बलात्कार न होने या नंगा करके पूछताछ करने जैसे पॉइंट्स शामिल हैं.
डॉक्यूमेंट में ये शर्तें सूचीबद्ध हैं-
- पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के अध्यक्ष इमरान अहमद खान नियाजी को पूछताछ के दौरान नंगे होने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा.
- पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के अध्यक्ष इमरान अहमद खान नियाजी के साथ बलात्कार करने की अनुमति किसी को नहीं दी जाएगी, खासकर जब वो पाइल्स (बवासीर) के रोगी हैं.
- पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के अध्यक्ष इमरान अहमद खान नियाजी को किसी भी तरह के रॉड, बांस (लाठी) आदि से प्रताड़ित नहीं किया जाएगा.
ट्विटर ब्लू सब्सक्राइबर और ‘बीजेपी के पब्लिक स्पीकर’ प्रदीप महौर ने ये डॉक्यूमेंट ट्वीट किया और इसे दयनीय बताया. गौर करें कि इस यूज़र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी फ़ॉलो करते हैं. (आर्काइव)
Agreement between “Imran Ahmad Khan Niazi” and “Government of Pakistan”
This is pathetic #Pakistan #ImranKhan pic.twitter.com/hK9MWQoVlv— Pradeep Mahaur (@Pradeep_Mahaur) May 11, 2023
ट्विटर ब्लू सब्सक्राइबर गौतम त्रिवेदी ने भी डॉक्यूमेंट को ट्वीट करते हुए लिखा, “अविश्वसनीय रिपोर्ट्स के मुताबिक, इमरान खान ने हिरासत में रहने के दौरान ज़मानत के संबंध में पाकिस्तान सरकार के साथ एक समझौता किया है.” (आर्काइव)
According to confirmed unreliable reports, Imran Khan has entered into an agreement with the Government of Pakistan regarding sureties while he’s in custody. pic.twitter.com/Kh7sMqxMkg
— Gautam Trivedi (@KaptanHindustan) May 11, 2023
ट्विटर यूज़र @IndianSinghh ने भी इस तस्वीर को ट्वीट किया जिसे करीब 1500 लाइक्स और 390 से ज्यादा रीट्वीट्स मिले. (आर्काइव)
Pakistan army was planning to Rape Imran Khan.
Even Former PM is not safe from lust of ISI. pic.twitter.com/Ii2vnIkjo8
— Akshit Singh 🇮🇳 (@IndianSinghh) May 11, 2023
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने देखा कि साइन करने वालों में इंटीरियर सेक्रेट्री सचिव यूसुफ़ नसीम खोखर शामिल थे. हालांकि, आगे की जांच करने पर, हमने देखा कि खोखर ने इस साल 7 मार्च को वायरल लेटर में लिखी तारीख से दो महीने पहले अपनी ड्यूटीज़ से इस्तीफ़ा दे दिया था. इसके अलावा, उनका नाम “यूसुफ नसीम खोखर” के रूप में ग़लत लिखा गया है.
इसके अलावा, हमने देखा कि खोखर के साइन पाकिस्तानी फ़ेडरल इनफ़ॉर्मेशन एजेंसी की ऑफ़िशियल वेबसाइट द्वारा जारी नोटिस पर मिले साइन मेल नहीं खाते.
इसी तरह, वायरल तस्वीर में अमेरिकी राजदूत डोनाल्ड ब्लोम की साइन, अमेरिकी दूतावास की ऑफ़िशियल वेबसाइट पर देखी गई ब्लोम की साइन से मेल नहीं खाती है.
हमने लेटर के प्रारूप में कुछ असमानताएं भी नोटिस कीं. ऑफ़िशियल वेबसाइट पर (उसी तारीख को) जारी की गई नोटिस में लेटरहेड का फ़ॉन्ट वायरल तस्वीर से अलग है. इसके अलावा, PTI वेबसाइट से ओरिजिनल नोटीफ़िकेशन में रेफ़रेंस नंबर में तारीख YYYY फ़ॉर्मेट में लिखी गई है. हालांकि, वायरल तस्वीर में YY फॉर्मेट में तारीख लिखी हुई है. डेट का फ़ॉर्मेट भी अलग है.
पाकिस्तान स्थित न्यूज़ आउटलेट जियो टीवी ने भी 10 मई को इस दावे का फ़ैक्ट-चेक किया था जिसमें कहा गया, “इस घटनाक्रम से अवगत एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर 𝘎𝘦𝘰 𝘍𝘢𝘤𝘵 𝘊𝘩𝘦𝘤𝘬 को बताया कि इमरान खान और अमेरिकी राजदूत के बीच ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ था.”
𝗖𝗹𝗮𝗶𝗺: A letter circulating online claims that an agreement was signed between PTI chairman Imran Khan, the interior secretary Yousuf Khokhar and the U.S. ambassador Donald Blome, where the ambassador offers Khan certain sureties in case of arrest.
𝗙𝗮𝗰𝘁: ❌ The letter… pic.twitter.com/wJJ04bKHM8
— Geo Fact Check (@GeoFactCheck) May 10, 2023
कुल मिलाकर, कथित तौर पर इमरान खान की गिरफ़्तारी के समझौते की शर्तों को दिखाने वाला एक फर्ज़ी डॉक्यूमेंट ऑनलाइन शेयर किया जा रहा है. ऑल्ट न्यूज़ की जांच से पता चलता है कि ये डॉक्यूमेंट मनगढ़ंत है और इस तरह के किसी भी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए गए हैं.