न्यूयॉर्क5 घंटे पहले
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अमेरिका में साल के अंत तक इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) और पेट्रोल कारों के दाम लगभग बराबर होने की संभावना है। अमेरिका में अभी औसत पेट्रोल कार से ईवी कार के दाम लगभग 15 लाख रुपए ज्यादा हैं। केली ब्लू बुक की रिपोर्ट के अनुसार, इसका आधार है साल की शुरुआत में तीन स्तरों में आए बदलाव, पहला- ईवी कार निर्माता कंपनियों में कॉम्पिटीशन के कारण प्राइस वॉर, दूसरा- सरकारी प्रोत्साहन और तीसरा- लीथियम के दामों में कमी।
अमेरिका में अब फॉक्सवैगन, निसान और हुंदे भी ईवी सेक्टर में उतर आई हैं। इससे पहले से ईवी बना रही टेस्ला, जीएम और फोर्ड को चुनौती मिल रही है। अब सभी कंपनियां ग्राहकों को दामों में कटौती और डिलीवरी ऑन डिमांड से लुभा रही हैं।
बाइडेन सरकार की ओर से महंगाई कटौती एक्ट लागू कर ईवी की खरीद पर लगभग 8 लाख रुपए तक टैक्स में छूट दी जा रही है। कार्स डॉट कॉम की जेनी न्यूमैन के अनुसार ईवी निर्माता कंपनियों को सरकार की ओर से इन्सेन्टिव के रूप में स्पेशल टैक्स रिबेट भी दी जा रही है।
ईवी कार के सबसे अहम हिस्से बैटरी में इस्तेमाल होने वाले लीथियम और कोबाल्ट के दामों में 50 फीसदी तक की कमी आई है। अमेरिका ने लीथियम माइनिंग को भी तेज किया है। नए क्षेत्रों में लीथियम की खोज की जा रही है। इससे लीथियम के लिए अमेरिका ने चीन पर अपनी निर्भरता को 30 फीसदी तक कम किया है।
भारत में 2026 तक 75 लाख ईवी…
भारत में अभी सबसे सस्ती पेट्रोल कार लगभग साढ़े तीन लाख रु. जबकि एंट्री सेगमेंट की ईवी की कीमत साढ़े 8 लाख रु. है। अभी 3.5 लाख ईवी हैं, 2026 में 75 लाख होने की संभावना।